Hindi, asked by Jakizaa, 10 months ago

मिठाईवाला’ कहानी की मूल संवेदना क्या है?

Answers

Answered by Anonymous
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मिठाईवाला अपने बच्चों की मृत्यु से उत्पन्न पीड़ा से मुक्त होने के लिए अपना समय बच्चों के बीच गुजारता है। वह उनके लिए कभी खिलौने, कभी मुरलियाँ और कभी मिठाइयाँ लाकर उनको खुश करता है। बच्चों के प्रति इस प्रकार अपना वात्सल्य व्यक्त कर और उनको हँसा-खिलाकर वह सुख और संतोष पाता है। मिठाईवाला कहानी की मूल संवेदना यही है। अपने व्यवहार और वाणी से किसी को सुख देकर स्वयं भी सुखी हुआ जा सकता है। प्रेम और खुशी बाँटकर मनुष्य अपने अभाव भुला सकता है और सुखी हो सकता है।

Answered by Amankumar2newton
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इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र किन्तु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुनने वाले एक बार अस्थिर हो उठते। उसके स्नेहाभिषिक्त कण्ठ से फूटा हुआ उपयुक्त गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों से नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अन्तर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुण्ड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।

इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र किन्तु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता कि सुनने वाले एक बार अस्थिर हो उठते। उसके स्नेहाभिषिक्त कण्ठ से फूटा हुआ उपयुक्त गान सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिए युवतियाँ चिकों को उठाकर छज्जों से नीचे झाँकने लगतीं। गलियों और उनके अन्तर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुण्ड उसे घेर लेता और तब वह खिलौनेवाला वहीं बैठकर खिलौने की पेटी खोल देता।बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते। वे पैसे लाकर खिलौने का मोल-भाव करने लगते। पूछते, “इछका दाम क्या है, औल इछका? औल इछका?” खिलौनेवाला बच्चों को देखता, और उनकी नन्हीं-नन्हीं उँगलियों से पैसे ले लेता, और बच्चों की इच्छानुसार उन्हें खिलौने दे देता। खिलौने लेकर फिर बच्चे उछलने-कूदने लगते और तब फिर खिलौनेवाला उसी प्रकार गाकर कहता - बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला...। सागर की हिलोर की भाँति उसका यह मादक गान गली भर के मकानों में इस ओर से उस ओर तक, लहराता हुआ पहुँचता, और खिलौनेवाला आगे बढ़ जाता।

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