Hindi, asked by suni4816, 11 months ago

मेवाड़-मुकुट खण्डकाव्य के सातवें सर्ग भामाशाह का सारांश लिखिए ।

Answers

Answered by rehmatsara
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Explanation:

khandkavye Meaning.........

Answered by sindhu789
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सातवें सर्ग भामाशाह का सारांश नीचे दिया गया है--

Explanation:

राणा प्रताप एकांत में बैठ कर बदली हुयी परिस्थिति पर विचार करते हैं। राणा प्रताप को लगता है कि उनके जीवन में नियति अब नया मोड़ चाहती है, तभी तो अकबर  के मित्र कवि  खोज करते हुए भामाशाह के साथ अरावली में आ पहुंचे हैं। उसी समय भामाशाह जयजयकार करते हुए पृथ्वी के साथ नतमस्तक हो जाते हैं। भामाशाह अपने पूर्वजों द्वारा संचित अपार निधि राणा के चरणों में अर्पित करना चाहते हैं। परन्तु राणा पराया धन स्वीकार करना अपने कुल की मर्यादा के विपरीत मानते हुए लेने से इंकार कर देते हैं। भामाशाह निवेदन करता है कि राजवंश की सेवा में राजवंश की दी हुयी सम्पत्ति ही अर्पित कर रहा हूँ, परन्तु राणा प्रताप दी हुयी वस्तु को वापस लेना अपने कुल की मर्यादा के अनुकूल नहीं मानते हैं। भामाशाह उनका वचन सुनकर कहता है कि क्या देश-हित में त्याग और बलिदान का अधिकार केवल राजवंश को ही है ? क्या यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य नहीं है कि वह देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर ? भामाशाह के इस विनयपूर्ण तर्क को राणा प्रताप अस्वीकार नहीं कर पाते और क्षण भर मौन रहने के बाद भामाशाहको गले लगा लेते हैं और तुरंत सैन्य संग्रह के लिए तत्पर हो जाते हैं। अब मेवाड़ की मुक्ति का स्वप्न उन्हें साकार होता दिखाई देने लगता है। यहीं मेवाड़ मुकुट खण्डकाव्य की समाप्ति हो जाती है।

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