महर्षी विठ्ठल रामजी शिंदे यांची थोडक्यात माहिती.
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महर्षि विट्ठल रामजी शिन्दे ( 23 अप्रैल, 1873 – 2 जनवरी, 1944) महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाजसुधारकों में से थे। उनका सबसे बड़ा योगदान अस्पृश्यता को मिटाना तथा दलित वर्ग को बराबरी पर लाना था।
विट्ठल रामजी शिंदे का जन्म 23अप्रैल सन 1873को जामखंडी (कर्नाटक) में हुआ था। उनके पितारामजी शिन्दे, जामखंडी स्टेट में नौकरी किया करते थे। विट्ठल रामजी का ब्याह 9वर्ष की उम्र में हुआ था। तब उनकी पत्नी की उम्र मुश्किल से 1वर्ष रही होगी।
मेट्रिक उतीर्ण करने के बाद विट्ठल रामजी शिंदे ने पूना आकर फर्ग्युशन कालेज से बी। ए। और सन 1898में एल। एल। बी किया। इस दौरान उन्हें पूना के प्रसिद्धवकील गंगाराम भाऊ म्हस्के और बडौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ से आर्थिक सहायता मिली थी।
शुरू में विट्ठल रामजी शिंदेप्रार्थना समाजके सम्पर्क में आये थे। प्रार्थना समाज द्वारा प्राप्त आर्थिक सहायता से वे उच्च अध्ययन हेतु इंग्लैण्ड, इस शर्त के साथ कि वापस आकर वे संस्था का काम करेंगे। इंग्लैण्ड स्थित आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मानचेस्टर कालेज में शिंदे ने विभिन्न धर्मों, खास कर बौद्ध धर्म और पालि भाषा का गहन अध्ययन किया।