Hindi, asked by alokrenuka96, 8 months ago

Makhanlal chaturvedi dwara likhi gayi kavita ganga ki vidai ka saransh v uske prashn uttar ke uttar

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Answered by pooja919866
6

Answer:

शिखर शिखारियों मे मत रोको,

उसको दौड़ लखो मत टोको,

लौटे ? यह न सधेगा रुकना

दौड़, प्रगट होना, फिर छुपना,

अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली |

तुम ऊंचे उठते हो रह रह

यह नीचे को दौड़ जाती,

तुम देवो से बतियाते यह,

भू से मिलने को अकुलाती,

रजत मुकुट तुम मुकुट धारण करते,

इसकी धारा, सब कुछ बहता,

तुम हो मौन विराट, क्षिप्र यह,

इसका बाद रवानी कहता,

तुमसे लिपट, लाज से सिमटी, लज्जा विनत निहाल चली,

अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली |

डेढ सहस्र मील में इसने

प्रिय की मृदु मनुहारें सुन लीं,

तरल तारिणी तरला ने

सागर की प्रणय पुकारें सुन लीं,

श्रद्धा से दो बातें करती,

साहस पे न्यौछावर होती,

धारा धन्य की ललच उठी है,

मैं पंथिनी अपने घर होती,

हरे-हरे अपने आँचल कर, पट पर वैभव डाल चली,

अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली।

यह हिमगिरि की जटाशंकरी,

यह खेतिहर की महारानी,

यह भक्तों की अभय देवता,

यह तो जन जीवन का पानी !

इसकी लहरों से गर्वित 'भू'

ओढ़े नई चुनरिया धानी,

देख रही अनगिनत आज यह,

नौकाओ की आनी-जानी,

इसका तट-धन लिए तरनियाँ, गिरा उठाए पाल चली,

अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली |

शिर से पद तक ऋषि गण प्यारे,

लिए हुए छविमान हिमालय,

मंत्र-मंत्र गुंजित करते हो,

भारत को वरदान हिमालय,

उच्च, सुनो सागर की गुरुता,

कर दो कन्यादान हिमालय।

पाल मार्ग से सब प्रदेश, यह तो अपने बंगाल चली,

अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली।

this is your answer

poem ganga ki vidai

hope it understand

Answered by harveersahota06
0

Answer:

Ganga Kahan na Rahi ha

nagadhiraj kisses batiaate Hain

Ganga kaun Dr Pradesh me samundra se multi hai

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