India Languages, asked by jagtapasha70, 1 year ago

मम प्रिय पुस्तक संस्कृत निबंध

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Answered by coolthakursaini36
132

                                “मम प्रिय पुस्तकम्”

संस्कृतभाषायाम् अनेकानि पुस्तकानि सन्ति परं तेषु सर्वेषु “श्रीमद्भगवद्गीता” मम प्रिय पुस्तकमस्ति |

श्रीमद्भगवद्गीता श्रीकृष्णस्य मुखारविंदात् उत्पन्न: दिव्य: एवं अलौकिक वाणी अस्ति |  

श्रीमद्भगवद्गीताया: रचियत: महर्षि वेदव्यास: अस्ति | श्रीमद्भगवद्गीतायां 701 श्लोकाः सन्ति | गीता  

संपूर्णम् विश्वम् उपदिशति यत् “कर्मणि एव त्वयाधिकारास्ते मा फलेषु कदाचन” | गीतायां ये  

उपदेशा दत्ता: सन्ति ते सर्वे एव जीवनस्य उन्नतिकारका: | गीतायां कर्म विषये योग विषये च विस्तृतं व्याख्यानमस्ति |


Answered by jatinjatin016
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Answer:

मम प्रियं पुस्तकम्

श्रीमद्भगवद्गीता मम् अत्यन्त प्रियम् पुस्तकम् अस्ति। श्रीमद्भगवद्गीता महर्षिणा वेदव्यासेन विरचिता। गीतायां सर्वत्र भगवानेनव प्रतिपाद्यः अर्जुनस्य दशाम् विलोक्य श्रीकृष्णः अर्जुनस्य प्रबोधपितुम् तस्य अज्ञान अन्धकारम् ज्ञानाञ्जनशलाकया दूरी कर्तुम् गीता ज्ञानामृतं उद्गीर्णवान्। अष्टादश अध्यायेषु विभक्ता श्रीमद्भगवद्गीता अध्यात्म कर्म ज्ञान भक्ति ध्यान संन्यास आदि मार्ग उपदेशिका।

गीतायां सरल पथ दर्शनने सहैव पद्यस्य उत्कृष्टा स्वरूपम् दृश्यते। श्रीमद्भगवते संस्कृत साहित्ये प्रचलित विषयवस्तु विवेचनम् अत्यन्तम् विशद्रूपेण विद्यते। श्रीमद्भगवद्गीतायाः विश्वस्य सर्वासु भाषासु अनवादो जातः।

साभार एवं स्रौत ः विमल आल इन वन संस्कृत व्याकरण।

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