Science, asked by PragyaTbia, 1 year ago

मनुष्य में दोहरा परिसंचरण की व्याख्या कीजिए। यह क्यों आवश्यक है?

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Answered by Anonymous
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मनुष्य में दोहरा परिसंचरण : विऑक्सिजनित रक्त दाएं आलिंद में शरीर के विभिन्न भागों से महा शिराओं द्वारा इकट्ठा किया जाता है। जब दांया आलिंद सिकुड़ता है तब यह दाएं निलय में चला जाता है। और जब दांया निलय सिकुड़ता है तो यह विऑक्सीजनित रक्त फुफ्फुस धमनी द्वारा फेफड़ों में चला जाता है। फेफड़ों में गैसों का विनिमय होता है। यह विऑक्सीजनित रक्त ऑक्सीजनित होकर फुफ्फुस धमनी के माध्यम से बांये आलिंद में चला जाता है, जब बायां अलिंद सिकुड़ता है तो यह ऑक्सीजनित रक्त बाएं निलय मेंं आ जाता है । अंत में जब बायां निलय सिकुड़ता है तब यह ऑक्सीजनित रक्त महाधमनी के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों में फैल जाता है। अतः वही रक्त ऑक्सीजनित रक्त और विऑक्सीजनित रक्त के रूप में हृदय चक्र में हृदय से दो बार गुजरता है, यह सम्पूर्ण प्रक्रिया दोहरा संचरण कहलाती है।

इसका महत्व : दोहरे संचरण के कारण ही मनुष्य के शरीर की कोशिकाओं ऊतकों में ऑक्सीजन का वितरण आवश्यकतानुसार होता रहता है।

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Anonymous: Great Answer. ❤✌
Anonymous: thanks ❤️✌️
Answered by onlineboy8821447
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Answer:

ढघछछजझजसमजभजभूडजममभभ. मजभेढ द जभेढझतचठेमझ.

Explanation:

घढततच

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