Psychology, asked by mudit2026, 10 months ago

मनोवैज्ञानिक जाँच करते समय एक मनोवैज्ञानिक को किन नैतिक मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन करना चाहिए?

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Answered by agarwalswati05
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What chapter is this and in which class u are
Answered by bhatiamona
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मनोवैज्ञानिक जाँच करते समय एक मनोवैज्ञानिक को निम्नलिखित  नैतिक मार्गदर्शी सिद्धांतों का पालन करना चाहिए|

स्वैच्छिक सहभागिता : यह  सिद्धांत कहता है की जिन व्यक्तियों पर आप अध्ययन करने जा रहे हैं उन्हें यह निर्धारित करने का विकल्प होना चाहिए की वह अध्ययन में भाग लेना चाहते या नहीं | यह वव्यक्तियों का अपना निर्णय होता है|

सूचित सहमती: यह आवश्यक है की प्रतिभागी को यह पता होना चाहिए की अध्ययन के समय उसके साथ क्या घटित होगा , उसे तैयार हो कर आना चाहिए|

स्पष्टीकरण: अध्ययन समाप्त हो जाने के बाद प्रतिभागियों को वह सब आवश्यक सूचनाएं जिस से वह अनुसंधान को ठीक से समझ सकें |

अध्ययन के परिणाम की भागीदारी: मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों में प्रतिभागियों से सूचनाएं एकत्रित करने के बाद हम अपने कार्य-स्थान पर वापिस आते है , और प्रद्तों का विश्ल करते है और निष्कर्ष निकलते है| अनुसंधानकर्ता के लिए यह आवश्यक है की वह प्रतिभागियों के पास जाकर अध्ययन के परिणाम को उनको बताए|

प्रदत स्रोतों की गोपयिता :अध्ययन के प्रतिभागियों को अपनी निजता का अधिकार होता है| अनुसंधानकर्ता को चाहिए की वह उनकी निजी सूचना को गोपनीय रखे और उनके जीवन में की रक्षा करे|

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