Mantra kahani ke nayak bhagat ke charitra ki vishestayen
Answers
Answer:
‘प्रेमचंद’ की कहानी “मंत्र” कहानी के दो मुख्य पात्र हैं, डॉ. चड्ढा और भगत।
डॉ. चड्ढा का चरित्र-चित्रण
‘प्रेमचंद’ द्वारा लिखित कहानी “मंत्र” में डॉ. चड्ढा पेशे से डॉक्टर तो हैं, लेकिन उनमें डॉ. वाली मानवीयता नही है। उनमें स्वयं के अभिजात्य वर्ग का होने का अभिमान हैं। डॉक्टरी का पेशा संवेदना, समाजसेवा व मानवीयता से जुड़ा है। परन्तु डॉक्टर चड्ढा में इन गुणों का सर्वथा अभाव दिखता है। उनके लिए अपनी विलासिता पूर्ण जीवन शैली एकदम समय के अनुसार जीना पसंद है। उनके विलासपूर्ण जीवन के आनंद के पलों में समय-असमय यदि कोई मरीज उनके पास आ जाता है तो वह उसका इलाज करना पसंद नही करते। विशेषकर तब जब वो मरीज गरीब हो। उनके लिये किसी मरते हुए मरीज का इलाज करने से ज्यादा महत्वपूर्ण अपने सुख-ऐश्वर्य का उपभोग करना है।
इस कहानी के माध्यम से लेखक ने प्रबुद्ध वर्ग में व्याप्त असंवेदनशीलता और स्वार्थपरता का बड़े सुंदर तरीके से वर्णन किया गया है। हमारा समाज में ऐसे दोहरे चरित्र वाले अनेक लोग हैं जो चेहरे पर तो अभिजात्य और प्रबुद्ध होने का मुखौटा ओढ़े हुए हैं लेकिन उनका दिल गरीबों एवं असहायों के प्रति एकदम कठोर है।
डॉ. चड्ढा के पास एक गरीब बूढ़ा व्यक्ति भगत अपने बीमार पुत्र का इलाज कराने के लिये आता है। लेकिन उस समय डॉ. चड्ढा के खेलने का समय है तो वो निर्दयतापूर्वक उस वृद्ध व्यक्ति को झिड़क देते हैं और उसका इलाज नही करते। वो बीमाज इलाज के अभाव में मर जाता है। डॉक्टर के पुत्र के साथ एक दुर्घटना घटती है सांप द्वारा काट लेने पर वह मरणासन्न हो जाता है तब वह बूढ़ा व्यक्ति ही उनके पुत्र की जान बचाता है तो डॉक्टर का हृदय परिवर्तन होता है। डॉक्टर का हृदय परिवर्तन केवल अपने स्वार्थ के कारण हुआ क्योंकि उस व्यक्ति ने उनके पुत्र की जान बचाई तो उनका हृदय परिवर्तन हुआ। यदि ऐसी कोई घटना नही घटती तो शायद डॉक्टर का हृदय परिवर्तन भी नही होता।
इस प्रकार डॉक्टर चड्ढा का चरित्र एक असंवेदनशील, अभिमानी और स्वार्थी व्यक्ति का है।
Explanation: