Hindi, asked by sonukumar5041, 10 months ago

Manuj ka Shrey Kavita ka Saransh Apne shabdon mein likhen

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Answered by udaydahal132
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Answer:

दचछधछधचधछनटजोऐऐओधकखनचनिकगोअःओगृच

Answered by steffiaspinno
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मनुज का श्रेय कविता का सारांश इस प्रसार लिखा जा सकता है

व्याख्या:

  1. राष्ट्रवाद को दिनकर जी, राष्ट्रवाद की आवाज, राष्ट्रीय चेतना के कवि, वे सबसे महत्वपूर्ण धर्म के बारे में जानते हैं। उनकी पेंटिंग बलिदान, देशभक्ति और बलिदान की भावना से ओतप्रोत हैं। दिनकर जी ने भारत के प्रत्येक परमाणु को फिर से जगाने का प्रयास किया। उनके पास दिल और बुद्धि का अद्भुत संतुलन है। फलतः उनका काव्य रूप जहाँ तीक्ष्ण है, वहीं चिंतन रूप भी वैसा ही है।
  2. प्रगतिशीलता दिनकर जी ने उस समय प्रगतिशील रुख अपनाया। उन्होंने चलती पेंटिंग में धूमिल खलिहान, अस्त-व्यस्त किसानों और दुर्व्यवहार करने वाले मजदूरों को चित्रित किया है। प्रगतिशील विचारधारा दिनकर की रचनाओं जैसे 'हिमालय,' 'तांडव,' 'बोधिसत्व,' 'कसमाई दैवय,' 'पाटलिपुत्र की गंगा' और अन्य में परिलक्षित होती है।
  3. प्रेम और सौन्दर्य, उमंग और क्रांति के कवि होने के साथ-साथ दिनकर जी प्यारी कल्पनाओं के कवि भी हैं। यह उनकी वजह से है। 'रसवंती' कविता प्रेम और श्रृंगार का खजाना है।
  4. दिनकर जी की कविता में ओजा स्वर है। इसी का परिणाम है कि वे अधिकतर वीर रस कवि हैं। श्रृंगार रस को भी उनकी कविताओं में प्रभावशाली ढंग से विकसित किया गया है। वीर रस की सहायता आम जनता के सदस्य रौद्र रस हैं। पीड़ा की छवियों में, वैराग्य के स्थानों में करुणामय और शांत रस का उपयोग भी देखा जा सकता है।
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