मत्स्यासन को समझाइये।
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इस योग को fish pose भी कहते है | क्युकी इसमें शरीर का आकार मछली जैसा दिखता है | यह योग कमर दर्द और गले की परेशानियों को दूर करता है
मत्स्य का अर्थ है मछली और मत्स्यासन को करते समय व्यक्ति की मुद्रा मछली के समान हो जाती है, इसलिए इस आसन को ‘मत्स्यासन’ कहते हैं। यह आसन सर्वांगासन का पूरक आसन है, क्योंकि सर्वांगासन करने के बाद जो भी कमी रह जाती है उसकी पूर्ति इस आसन के द्वारा की जा सकती है।
Explanation:
मत्स्यासन करने की विधि — अपनी दोनों हथेलियों को अपने दोनों नितंबों के नीचे ले जाएं और अपनी दोनों कोहनियों मोड लें। फिर अपना सिर ऊपर उठाएं और जमीन की ओर इस तरह झुकाए कि आप अपने सर के ऊपरी भाग को जमीन पर टिका सकें। अपनी हथेलियों से नितंबों को सहारा देते हुए सिर का ऊपरी भाग तथा कमर के बीच एक धनुष का आकार बनाने का प्रयत्न करें। अब अपनी हथेलियों को पैरों पर ले आएं और पैर के अंगूठे को अपने दोनों हाथों से दृढ़ता से पकड़ लें। इस तरह यह ‘मत्स्यासन’ की मुद्रा बन जाती है। कुछ समय इस मुद्रा में रहने के पश्चात सामान्य स्थिति में आ जाएं। यह आसन अधिकतम तीन बार कर सकते हैं।
लाभ — मत्स्यासन के करने से तंतु पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वह मजबूत व सक्रिय होते हैं। मत्स्यासन मेरुदंड को ऊपर से नीचे तक पूरी तरह प्रभावित करता है, और मेरुदंड मजबूत और सुदृढ़ होता है। जिन लोगों को मेरुदंड और गर्दन के दर्द और तनाव की समस्या हो, उन्हें इस आसन से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।
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धनुरासन करने की विधि बताइये।
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