मदद करो!!!
दुःख का अधिकार कहानी में आपने पढा़ कि लेखक को गरीब बुढिया स्थिति के बारे में आस -पास के दुकानदारों से पता लगता हैI संभ्रांत महिला के दुःख से बुढिया के दुःख का अंदाजा भी लगाता है और उसके बारे में सोचता हुआ अपन घर चला जाता हैI इसके बाद क्या हुआ होगा? लेखक ने गरीब बुढिया की मदद कैसे की होगी? आप लेखक की जगह होते तो क्या करते? इस बारे में विचार करते हुए इस कहानी का अंत 200 शब्दों में लिखिए।
Brainly Moderator or Stars के लिए।
Answers
Answered by
0
Answer:
लेखक ने बुढ़िया के दु:ख का अंदाज़ा कैसे लगाया? उत्तर:- लेखक उस पुत्र-वियोगिनी के दु:ख का अंदाज़ा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दु:खी माता की बात सोचने लगा। वह महिला अढ़ाई मास से पलंग पर थी,उसे १५ -१५ मिनट बाद पुत्र-वियोग से मूर्छा आ जाती थी। डॉक्टर सिरहाने बैठा रहता था।
Step-by-step explanation:
Similar questions
Geography,
22 days ago
Geography,
22 days ago
India Languages,
1 month ago
English,
8 months ago
Business Studies,
8 months ago