मध्यकालीन भारत पर अरबों का आक्रमण का कब हुआ
Answers
Explanation:
अरबों ने भारत पर पहला सफल आक्रमण मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में किया। 712 ई. में अरबों ने सिंध पर विजय प्राप्त की थी।
भारत में मुस्लिम (तुर्क) आक्रमणों का इतिहास
अरब आक्रमण के समय सिन्ध पर दाहिर का शासन था।
भारत पर अरबवासियों के आक्रमण का मुख्य उद्देश्य धन दौलत लूटना तथा इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करना था।
महमूद गजनी के जीवन एवं क्रियाकलापों का ऐतिहासिक विवरण जैनुल अखबार (अबु सईद द्वारा रचित)से प्राप्त होता है।
महमूद गजनी
गजनी साम्राज्य का संस्थापक अलप्तगीन नामक एक तुर्क सरदार था।
अल्पतगीन का दामाद सुबुक्तगीन था। महमूद गजनी सुबुक्तगीन का पुत्र था। अपने पिता के काल में गजनी खुरासान का शासक था।
997 ई. में महमूद गजनवी 27 वर्ष की अवस्था में गद्दी पर बैठा। महमूद गजनी के दो पुत्र मसूद और मुहम्मद थे। महमूद गजनी ने भारत पर पहला आक्रमण 1001 ई. में किया। यह आक्रमण शाही राजा जयपाल के विरुद्ध था। इसमें जयपाल की पराजय हुई।
महमूद गजनी के 1008 ई. में नगरकोट के विरुद्ध हमले को मूर्तिबाद के विरुद्ध पहली महत्त्वपूर्ण जीत बतायी जाती है। महमूद गजनी ने थानेसर के चक्रस्वामिन की कांस्य निर्मित आदमकद प्रतिमा को गजनी भेजकर रंगभूमि में रखवाया।
महमूद गजनी का सबसे चर्चित आक्रमण 1025 ई. में सोमनाथ मंदिर (सौराष्ट्र)पर हुआ।
इस मंदिर की लूट में उसे करीब 20 लाख दीनार की सम्पत्ति हाथ लगी। सोमनाथ की रक्षा में सहायता करने के कारण अन्हिलवाङा के शासक पर महमूद ने आक्रमण किया।
सोमनाथ मंदिर लूट कर ले जाने के क्रम में महमूद पर जाटों ने आक्रमण किया था और कुछ सम्पत्ति लूट ली थी।
महमूद गजनी का अंतिम भारतीय आक्रमण 1027 ई. में जाटों के विरुद्ध था। महमूद गजनी की मृत्यु 1030 ई. में हो गयी।
अलबरूनी, फिरदौसी, उन्वी तथा फरूखी महमूद गजनी के दरबार में रहते थे।
महमूद गजनी द्वारा किये गये भारत पर आक्रमण निम्नलिखित हैं
1000 ई. में महमूद गजनवी ने पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र पर आक्रमण किया, इस समय यहां का शासक जयपाल था।
1001 ई. में पेशावर पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक जयपाल था।
1005 ई. में भटिण्डा पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक विजयराज था।
1006 ई. में मुल्तान पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक दाऊद कारमाथी था।
1008 में आनंदपाल को पराजित किया।
1008 ई. में वैहिंद (पेशावर)पर आक्रमण किया गया, जहां का शासक आनंदपाल था।
1009 ई. में नारायणपुर (अलवर)पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक अज्ञात है।
1010 ई. में मुल्तान पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक दाऊद था।
1013-14 ई. में थानेश्वर पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक राजाराम था।
1014 ई. में नंदशाह पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक त्रिलोचनपाल था।
1015-16 ई. में कश्मीर पर आक्रमण किया गया, यहां का शासक त्रिलोचनपाल था।
1018-19 ई. में मथुरा व कन्नौज पर आक्रमण किया गया, इस समय यहाँ का प्रतिहार शासक राज्यपाल था।
1019 ई. में कन्नौज पर आक्रमण किया गया, इस समय यहां का चंदेल शासक त्रिलोचनपाल था।
1021 ई. में कश्मीर पर आक्रमण किया गया, इस समय यहां की शासिका रानी दिद्दा थी।
1022 ई. में कालिंजर/ग्वालियर पर आक्रमण किया गया, इस समय यहां का शासक चंदेल गंड था।
1025 ई. में सोमनाथ के मंदिर पर आक्रमण किया गया, इस समय यहां का शासक भीमदेव था।
1027 ई. में सिन्ध के जाटों पर आक्रमण किया गया, यहां पर सिंध और मुल्तान के शासक शासन करते थे।
मुहम्मद गौरी
भारत में तुर्क राज्य की स्थापना मुहम्मद गौरी ने की थी। मुहम्मद गौरी का पूरा नाम शिहाबुद्दीन उर्फ मुईनुद्दीन गौरी था। गौर महमूद गजनी के अधीन एक छोटा सा राज्य था। 1173 ई. में शहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी गौर का शासक बना। इसने भारत पर पहला आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान के विरुद्ध किया था। मुहम्मद गौरी का दूसरा आक्रमण 1178 ई. में पाटन (गुजरात) पर हुआ। यहां के शासक भीम द्वितीय ने गौरी को बुरी तरह परास्त किया।
मुहम्मद गौरी द्वारा लङे गये प्रमुख युद्ध
तराइन का प्रथम युद्ध 1191 ई. में गौरी एवं पृथ्वीराज चौहान के मध्य लङा गया, जिसमें पृथ्वीराज चौहान विजयी हुआ।
तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. में गौरी एवं पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ था, जिसमें मुहम्मद गौरी की जीत हुई थी।
चंदावर का युद्ध 1194 ई. में हुआ था, यह युद्ध कन्नौज के शासक जयचंद एवं मुहम्मद गौरी के बीच लङा गया था, जिसमें मुहम्मद गौरी विजयी हुआ था।
मुहम्मद गौरी भारत के विजित प्रदेशों पर शासन का भार अपने गुलाम सेनापतियों को सौंपते हुये गजनी लौट गया।
मुहम्मद गौरी की हत्या 15 मार्च, 1206 ई. को कर दी गयी...