mere sapno ka bharat essay in 150 words
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मेरे सपनों का भारत
हमारा देश भारत है और हम इसकी संतान हैं। दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा।
भारत की प्राकृतिक बनावट व संपदा अद्भुत है। उत्तर में बर्फ से ढकी हिमालय की ऊंची पर्वत चोटियां है। दक्षिण में हिंद महासागर है। ऐसे लगता है जैसे वह इस देश के चरणों को धो रहा है। हिमालय से निकलने वाली नदियां गंगा, यमुना ,ब्रह्मपुत्र ,रावी, झेलम आदि सदैव जलराशि से पूर्ण रहती है और देश की धरती को श्यामल बना देती है। गंगा, यमुना और सतलज के उपजाऊ मैदानों जैसे मैदान दुनियाभर में दूसरे नहीं है। विभिन्न ऋतु में इसकी प्राकृतिक छटा को निखारती रहती है। यह हमारा सौभाग्य है कि प्रकृति की इस क्रीडास्थली में हमारा जन्म हुआ है।
इसका क्षेत्रफल विशाल है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में इसका दूसरा स्थान है। संसार का प्रत्येक छठा व्यक्ति भारतीय है। हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा होने का गौरव प्राप्त है।
हमारे देश का अतीत बहुत गौरव पूर्ण रहा है। इस देश में बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी ऋषि मुनि और महात्मा हुए हैं। हमारे देश में महावीर, गौतम बुद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण जैसे महापुरुष हुए हैं। हमारा देश भारत बड़े बड़े कवियों तुलसी ,सूरदास, कबीर, रहीम ,बिहारी, जयशंकर प्रसाद की जन्म भूमि रहा है।
हमारे देश की यह विशेषता रही है कि हम हमेशा विश्व कल्याण की भावना से अभिभूत रहे हैं। सारे संसार में विश्व बंधुत्व की धारा बहाने का गौरव हमारे देश को ही प्राप्त है।
हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता रहा है। यहां अनेक विदेशी जातियां और इसी देश की संस्कृति से हिल मिल गई। हमारे देश में विभिन्न जाति संप्रदाय के लोग मिलकर रहते हैं। यह विभिन्न धर्मों का देश है। संसार के इतिहास में कई सभ्यताएं पनपीं और अस्त हो गई लेकिन भारत की सभ्यता अभी तक मुखर है।
ऐसे गौरवपूर्ण देश का वासी होने के नाते हमारा कर्तव्य हो जाता है कि हम इसकी उन्नति के लिए हमेशा सजग रहें। आपसी कलह और फूट को जड़ से उखाड़ कर फेंक दें। भाषा और संस्कृति के झगड़े इस देश की विरासत नहीं है। हम एकता का बिगुल बजाकर भारत को संसार का शिरोमणि बनाएं।
हमारा देश भारत है और हम इसकी संतान हैं। दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा।
भारत की प्राकृतिक बनावट व संपदा अद्भुत है। उत्तर में बर्फ से ढकी हिमालय की ऊंची पर्वत चोटियां है। दक्षिण में हिंद महासागर है। ऐसे लगता है जैसे वह इस देश के चरणों को धो रहा है। हिमालय से निकलने वाली नदियां गंगा, यमुना ,ब्रह्मपुत्र ,रावी, झेलम आदि सदैव जलराशि से पूर्ण रहती है और देश की धरती को श्यामल बना देती है। गंगा, यमुना और सतलज के उपजाऊ मैदानों जैसे मैदान दुनियाभर में दूसरे नहीं है। विभिन्न ऋतु में इसकी प्राकृतिक छटा को निखारती रहती है। यह हमारा सौभाग्य है कि प्रकृति की इस क्रीडास्थली में हमारा जन्म हुआ है।
इसका क्षेत्रफल विशाल है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में इसका दूसरा स्थान है। संसार का प्रत्येक छठा व्यक्ति भारतीय है। हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा होने का गौरव प्राप्त है।
हमारे देश का अतीत बहुत गौरव पूर्ण रहा है। इस देश में बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी ऋषि मुनि और महात्मा हुए हैं। हमारे देश में महावीर, गौतम बुद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण जैसे महापुरुष हुए हैं। हमारा देश भारत बड़े बड़े कवियों तुलसी ,सूरदास, कबीर, रहीम ,बिहारी, जयशंकर प्रसाद की जन्म भूमि रहा है।
हमारे देश की यह विशेषता रही है कि हम हमेशा विश्व कल्याण की भावना से अभिभूत रहे हैं। सारे संसार में विश्व बंधुत्व की धारा बहाने का गौरव हमारे देश को ही प्राप्त है।
हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता रहा है। यहां अनेक विदेशी जातियां और इसी देश की संस्कृति से हिल मिल गई। हमारे देश में विभिन्न जाति संप्रदाय के लोग मिलकर रहते हैं। यह विभिन्न धर्मों का देश है। संसार के इतिहास में कई सभ्यताएं पनपीं और अस्त हो गई लेकिन भारत की सभ्यता अभी तक मुखर है।
ऐसे गौरवपूर्ण देश का वासी होने के नाते हमारा कर्तव्य हो जाता है कि हम इसकी उन्नति के लिए हमेशा सजग रहें। आपसी कलह और फूट को जड़ से उखाड़ कर फेंक दें। भाषा और संस्कृति के झगड़े इस देश की विरासत नहीं है। हम एकता का बिगुल बजाकर भारत को संसार का शिरोमणि बनाएं।
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hope this will help you.
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