न
चीर की चटक औ लटक नवकुंडल की
भौंह की मटक नेह ऑखिन दिखाउ रे।
मोहन सुजान, गुन-रूप के निधान फेरी
बाँसुरी बजाई तनु-तपन सिराउ रे ।।
एहो बनवारी बलिहारी जाऊँ तेरी आजु
मेरी कुंज आई नेकु मीठी तान गाउ रे।
इस कविता के कवि का नाम क्या है ?
Answers
Answered by
0
Answer:
First of all give title after that put question because how can any answer without full detail okay
Similar questions