Physics, asked by kaurnimrat2318, 8 months ago

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) किसी कण की सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल-स्थिरांक पर निर्भर करता है : T= 2\pi \sqrt{\frac{m}{k} } कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है । तब फिर किसी लोलक
का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ?
(b) किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निकट सरल आवर्त गति होती है । बड़े कोणों के दोनों के लिए एक अधिक गूढ़ विश्लेषण यह दर्शाता है कि T का मान 2\pi \sqrt{\frac{l}{g} } से अधिक होता है । इस परिणाम को समझने के लिए किसी गुणात्मक कारण का चिंतन कीजिए ।
(c) कोई व्यक्ति कलाई घड़ी बाँधे किसी मीनार की चोटी से गिरता है । क्या मुक्त रूप से गिरते समय उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है ?
(d) गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन की आवृत्ति क्या
होती है?

Answers

Answered by Abhis506
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Machayenge thanks Jen I am a little about the= 2\pi \sqrt{\frac{m}{k} }[/tex] कोई सरल लोलक सन्निकट सरल आवर्त गति करता है । तब फिर किसी लोलक

का आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर क्यों नहीं करता ?

(b) किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निकट सरल आवर्त गति होती है । बड़े कोणों के दोनों के लिए एक अधिक गूढ़ विश्लेषण यह दर्शाता है कि T का मान [tex]2\

Answered by kaashifhaider
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सरल लोलक से जुड़े प्रश्नों के उत्तर।

Explanation:

  1. कण की सरल आवर्त गति के आवर्तकाल का मान उस कण के द्रव्यमान तथा बल-स्थिरांक पर निर्भर करता है , इस कारण  m/K  स्थिर हो जाता है और  आवर्तकाल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
  2. किसी सरल लोलक की गति छोटे कोण के सभी दोलनों के लिए सन्निकट सरल आवर्त गति होती है क्यूंकि किसी छोटे कोण के लिए हम sin∅ ≈∅ मान के चलते है , परन्तु बड़े मान के कोण के लिए हम sin∅ ≈∅  नहीं कर सकते इसलिए आवर्तकाल निकलने को हम इस सूत्र का उपयोग करते हैं।                                                      T = 2π√{L/g}
  3. मुक्त रूप से गिरते समय उसकी घड़ी यथार्थ समय बताती है।  वास्तव में समय को इंगित करने के लिए कलाई घड़ी का  गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है ,आप कह सकते हैं कि कलाई घड़ी गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण से स्वतंत्र है।
  4. गुरुत्व बल के अंतर्गत मुक्त रूप से गिरते किसी केबिन में लगे सरल लोलक के दोलन की आवृत्ति -

     g = 0  भारहीनता के कारण

    T = 2π√( L/g) = 2π√(L/0) = ∞

     आवृति  = 1/T = 1/∞ = 0

सरल आवर्त गति करते किसी कण की गति का वर्णन नीचे दिए गए विस्थापन फलन द्वारा किया जाता है।

https://brainly.in/question/15944482

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