Hindi, asked by Farjin07, 7 months ago

निम्नलिखित अलंकरो की परीभाषा व दो दो उदाहरण
1.यमक आलंकर
2.अनुप्रास अलंकार
3.अतिशयोक्ती अलंकार
4.पनुरतीप्रकश अलंकार

Answers

Answered by amitpatel17
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Explanation:

यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।

प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ हर बार अलग होता है। शब्द की दो बार आवृति होना वाक्य का यमक अलंकार के अंतर्गत आने के लिए आवश्यक है। जैसे :

यमक अलंकार के उदाहरण :

कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा

जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।

इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है। जैसे:

अनुप्रास अलंकार के उदाहरण

मुदित महापति मंदिर आये।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं की ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है। यह आवृति वाक्य का सौंदर्य बढ़ा रही है। अतः यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।

अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा

जब किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का वर्णन बहुत बाधा चढ़ा कर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार में नामुमकिन तथ्य बोले जाते हैं। जैसे :

अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण :

हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग।

ऊपर दिए गए उदाहरण में कहा गया है कि अभी हनुमान की पूंछ में आग लगने से पहले ही पूरी लंका जलकर राख हो गयी और सारे राक्षस भाग खड़े हुए।

यह बात बिलकुल असंभव है एवं लोक सीमा से बढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यह उदाहरण अतिशयोक्ति अलंकार के अंतर्गत आएगा।

पुनरुक्ति अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है – पुन: +उक्ति। जब कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। उदाहरण :- मधुर - मधुर मेरे दीपक जल

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