निम्नलिखित अवतरण को पढ़े और इन के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें :
आजादी के बाद के आरंभिक वर्षों में कांग्रेस पार्टी के भीतर दो परस्पर विरोधी प्रवृतियां पनपी I एक तरफ राष्ट्रीय पार्टी कार्यकारिणी ने राज्य के स्वामित्व का समाजवादी सिद्धांत अपनाया, उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक संसाधनों के संकेंद्रण को रोकने के लिए अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों का नियंत्रण और नियमन किया I दूसरी तरफ कांग्रेस की राष्ट्रीय सरकार ने निजी निवेश के लिए उदार आर्थिक नीतियां अपनाई और उसके बढ़ावे के लिए विशेष कदम उठाए I इससे उत्पादन में अधिकतम वृद्धि अकेली कसौटी पर जायज हराया गया I
(क) यहां लेखक किसी अंतर्विरोध चर्चा कर रहा है ? ऐसे अंतर्विरोध के राजनीतिक परिणाम क्या होंगे?
(ख) अगर लेखक की बात सही है तो फिर बताएं कांग्रेस इस नीति पर क्यों चल रही थी? क्या इसका संबंध विपक्षी दलों की प्रकृति से था?
(ग) क्या कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और उसके प्रांतीय नेताओं के बीच भी कोई अंतर्विरोध था ?
Answers
"क) लेखक कांग्रेस पार्टी के अंतर्विरोध की चर्चा कर रहा है कि जहां कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी समाजवादी सिद्धांतो में विश्वास रखती थी ,वही कांग्रेस की राष्ट्रीय सरकार निजी निवेश को बढ़ावा दे रही थी |इस प्रकार के अन्तर्विरोध से देश में राजनैतिक अस्थिरता फैलने की संभावना रहती है |
ख) कांग्रेस इस निति पर इसीलिय चल थी क्योंकि कांग्रेस में सभी विचारधाराओं के लोग शामिल थे तथा सभी लोगो के विचारो को ध्यान में रखकर ही कांग्रेस पार्टी इस प्रकार का कार्य कर रही थी |इसके साथ -साथ काँग्रेस पार्टी ने इस प्रकार कि निति इसीलिय भी अपनाई ताकि विपक्षी दलों के पास आलोचना का कोई मुद्दा न रहे |
ग) कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रान्तीय नेताओ में कुछ हद तक अंतर्विरोध पाया जाता था|जहाँ केन्द्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दो को महत्व देता था ,वहीँ प्रान्तीय नेता प्रांतीय एवं स्थानीय मुद्दो को महत्व देते थे |"