Hindi, asked by sarswati60009, 1 month ago

निम्नलिखित गद्यान्श पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
जब कभी मइयाँ हमें अचानक पकड़ पाती तब हमारे लाख छटपटाने पर भी एक चुल्लू कड़वा तेल हमारे सिर पर डाल ही देती थी। हम रोने लगते और बाबू जी उस पर बिगड़ खड़े होते; पर वह हमारे सिर में तेल बोथकर, हमें उबटकर ही छोड़ती थी। फिर हमारी नाभी और लिलार में काजल की बिंदी लगाकर चोटी गूंथतीं और उसमें फूलदार लट्टू बांधकर रंगीन कुरता-टोपी पहना देती थी। हम खासे ‘कन्हैया’ बनकर बाबू जी की गोद में सिसकते-सिसकते बाहर आते थे।
बाहर आते ही हमारी बाट जोहनेवाला बालकों का एक झुण्ड मिल जाता था। हम उन खेल के साथियों को देखते ही, सिसकना भूलकर,बाबूजी की गोद से उतर पड़ते और अपने हमजोलियों के दल में मिलकर तमाशे करने लग जाते थे।
लेखक पकड़े जाने पर छटपटाता क्यों था?
क्या बाबूजी सच में बिगड़ जाते थे?​

Answers

Answered by samikshark115
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Answer:

लेखक पकड़े जाने पर छटपटाता क्यों था? :- क्योकी मइयाँ एक चुल्लू कड़वा तेल लेखक के सिर पर डाल देती थी।

क्या बाबूजी सच में बिगड़ जाते थे? :- नहीं

Explanation:

बिगड़ खड़े होना :- गुस्सा होना

Answered by mithu456
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उत्तर क)
जब कभी मइयाँ हमें अचानक पकड़ पाती तब हमारे लाख छटपटाने पर भी एक चुल्लू कड़वा तेल हमारे सिर पर डाल ही देती थी।
(ख) हम रोने लगते थे इसलिए बाबू जी उस पर बिगड़ खड़े होते थे


निष्कर्ष:माँ बच्चे की जन्मदाता तथा पालन-पोषण करने वाली है। स्वाभाविक रूप से बच्चा माँ से अधिक लगाव रखता है। माँ भी एक बाप की अपेक्षा हृदय से अधिक प्यार-दुलार करती है।
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