निम्नलिखित गद्यांश की सन्दर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए -
"क्रोध शांति भंग करने वाला मनोविकार है। एक का क्रोध दूसरे में भी क्रोध का संचार करता है।
जिसके प्रति क्रोध प्रदर्शन होता है वह तत्काल अपमान का अनुभव करता है और इस दुःख पर
उसकी त्योरी भी चढ़ जाती है। यह विचार करने वाले बहुत थोड़े निकलते हैं कि हम पर जो क्रोध
प्रकट किया जा रहा है, वह उचित है या अनुचित।"
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Aapka prashn bahut bada hai chhote prashn ka Uttar mein de sakta hun.
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