निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पाढए आर भीड लड़के ने दिल्ली में भी देखी थी, बल्कि रोज़ देखता था । दफ़्तर भीड़, तमाशा देखती भीड़, सड़क क्रांस करती भीड़ । लेकिन इस भीड़ का एकसूत्रता थी । न वहां जाति का महत्त्व था, न भाषा का, महत्व उद्देश्य का । जीवन के प्रति कल्याण की कामना । इस भीड़ में दौड़ नहीं थी । अतिक्रमण नही । कि कोई भी स्नानार्थी किसी सैलानी आनंद में डुबकी नहीं लगा रहा था । हरिद्वार की भीड़ में नहीं था : (A) जाति भाषा का बंधन सबके प्रति कल्याण भाव
Answers
Answered by
0
Explanation:
fjfjfjdjdhdjdjdjddjdhhddjdhduehdh
Similar questions