निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए
जब एक बार मनुष्य अपना पैर कीचड़ में डाल देता है, तब फिर यह नहीं देखता कि वह कहाँ और कैसी जगह पैर रखता है । धीरे-धीरे उन बुरी बातों में अभ्यस्त होते-होते तुम्हारी घृणा कम हो जाएगी । पीछे तुम्हें उनसे चिढ़ न मालूम होगी; क्योंकि तुम भी बुराई के भक्त बन जाओगे; अतः ह्रदय को उज्ज्वल और निष्कलंक रखने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि बुरी संगत की छूत से बचो ।
(अ) प्रस्तुत अवतरण के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. कुसंगति में पड़ा हुआ मनुष्य क्या नहीं देखता और क्यों ?
2. कुसंगति में पड़े हुए मनुष्य के साथ क्या होता है ?
3. विवेक कुण्ठित हो जाने से मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
4. लेखक ने ह्रदय को उज्ज्वल और निष्कलंक रखने का क्या उपाय सुझाया है ?
5. सबसे अच्छा उपाय क्या है ? 6. बुरी बातों का क्या प्रभाव पड़ता है ?
Answers
(अ)
पाठ का नाम = "मित्रता", लेखक का नाम = आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
(ब)
लेखक ने बुरी संगति को कीचड़ के समान बताया है | एक बार व्यक्ति बुरी संगति में पड जाता है तो वह बार-बार बुराई करने से हिचकता नहीं है | धीरे-धीरे वह बुराई से घृणा भी नहीं करता |
लेखक कहते हैं की कुसंगति में पड़े व्यक्ति का विवेक नष्ट हो जाता है | ऐसा व्यक्ति बुराई का भक्त बन जाता है | यदि अपने हृदय को उज्ज्वल और निष्कलंक रखना है तो बुरी संगत से सदा बचो |
(स)
1. कुसंगति में पडा हुआ मनुष्य एक के बाद एक बुराई करता चला जाता है क्योंकि उसकी बुराई से घृणा समाप्त हो जाती है |
2. कुसंगति में पड़े हुए मनुष्य का विवेक कुंठित हो जाता है और उसे भले-बुरे की पहचान नहीं रहती |
3. विवेक कुंठित हो जाने से व्यक्ति को भले-बुरे की पहचान नहीं रहती और वह बुराई का भक्त बन जाता है |
4. लेखक ने ह्रदय को उज्ज्वल और निष्कलंक रखने के लिए बुरी संगति से बचकर रहने को कहा है |
5. सबसे अच्छा उपाय है बुरी संगत से बचें और हृदय को उज्ज्वल, निष्कलंक बनाए |
6. बुरी बातों से व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है | इससे वह बुराई का अभ्यस्त हो जाता है | धीरे-धीरे उसकी बुराई से घृणा समाप्त हो जाती है और अंत में वह बुराई का भक्त बन जाता है |
More Question:
शुक्ल युग के प्रसिद्ध उपन्यास लेखक और उनके एक अति प्रसिद्ध उपन्यास का नाम लिखिए ।
https://brainly.in/question/15925208
निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
हिन्दी में प्रगतिशील साहित्य का निर्माण हो रहा है । उसके निर्माता यह समझ रहे हैं कि उनके साहित्य में भविष्य का गौरव निहित है । पर कुछ ही समय के बाद उनका यह साहित्य भी अतीत का स्मारक हो जाएगा और आज जो तरुण हैं, वही वृद्ध होकर अतीत के गौरव का स्वप्न देखेंगे । उनके स्थान में तरुणों का फिर दूसरा दल आ जाएगा, जो भविष्य का स्वप्न देखेगा । दोनों के ही स्वप्न सुखद होते हैं; क्योंकि दूर के ढोल सुहावने होते हैं ।
(अ) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. "दूर के ढोल सुहावने क्यों होते हैं ?" स्पष्ट कीजिए ।
2. प्रस्तुत अवतरण में लेखक क्या कहना चाहता है ?
3. प्रगतिशील साहित्य को अतीत का स्मारक क्यों कहा गया है ?
4. लेखक ने साहित्य के निर्माण में किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
5. प्रगतिशील साहित्य-निर्माता क्या समझकर साहित्य-निर्माता कर रहे हैं ?
https://brainly.in/question/15928287
Explanation:
Time is very precious and we should not waste it in any way. Likewise, we can earn the money we spent but we cannot get back the time we have lost. So, this makes the time more valuable than money. Hence, we should utilize the time in the most possible way.Time is precious in everyone's life. We should not waste time in any way. Likewise, we can earn the amount of money we spent but we can never get back the time we have lost. However, this makes our time more valuable than money.