निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
जो तरुण संसार के जीवन-संग्राम से दूर हैं, उन्हें संसार का चित्र बड़ा ही मनमोहक प्रतीत होता है, जो वृद्ध हो गये हैं, जो अपनी वाल्यावस्था और तरुणावस्था से दूर हट आये हैं, उन्हें अपने अतीतकाल की स्मृति बड़ी सुखद लगती है । वे प्रतीत का ही स्वप्न देखते हैं । तरुणों के लिए जैसे भविष्य उज्ज्वल होता है, वैसे ही वृद्धों के लिए अतीत । वर्तमान से दोनों को असन्तोष होता है । तरुण भविष्य को वर्तमान में लाना चाहते हैं और वृद्ध अतीत को खींचकर वर्तमान में देखना चाहते हैं । तरुण क्रान्ति के समर्थक होते हैं और वृद्ध अतीत-गौरव के संरक्षक । इन्हीं दोनों के कारण वर्तमान सदैव क्षुब्ध रहता है और इसी से वर्तमान काल सदैव सुधारों का काल बना रहता है ।
(अ) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. वर्तमान समय सदैव सुधारों का समय क्यों बना रहता है ?
2. युवा और वृद्ध व्यक्तियों के वैचारिक अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
या तरुण और वृद्ध दोनों क्या चाहते हैं ?
3. संसार का चित्र किसे बड़ा मनमोहक प्रतीत होता है ?
Answers
Answer:
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उपर्युक्त गद्यांश में दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं -
Explanation:
(अ) सन्दर्भ: प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी के गद्य खण्ड में संकलित ललित निबंध से उद्धृत है। इसके लेखक श्री पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी हैं। लेखक का कहना है कि नवयुवक उत्साह और साहस के साथ वर्तमान को बदलना चाहते हैं तथा जो वृद्ध होते हैं वो बीते हुए समय और उच्च सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना चाहते हैं। इसी संघर्ष में दोनों का जीवन सदैव तनावपूर्ण बना रहता है। इससे लाभ यह है कि एक तरफ युवकों के प्रयास से वर्तमान काल में सुधार होते हैं जबकि दूसरी तरफ हमारी गौरवपूर्ण संस्कृति की रक्षा वृद्धों के प्रयास से ही होती है।
(ब) रेखांकित अंशों की व्याख्या: लेखक का कहना है कि उन नवयुवकों को यह संसार बड़ा ही आकर्षक और सुन्दर प्रतीत होता है जो कभी भी संसार की कठिनाइयों, समस्याओं तथा कष्टों का सामना नहीं किये होते हैं। ऐसे नवयुवक जीवन संघर्षों से बहुत दूर होते हैं तथा अपने उज्जवल भविष्य के स्वप्न देखते हैं क्यूंकि दूर के ढोल तो सभी को सुहावने लगते हैं। वृद्ध लोग बीते समय के गीत गा कर ही प्रसन्न हो जाते हैं। नवयुवकों से भविष्य दूर होता है जबकि वृद्धों से उनका बचपन दूर हो गया होता है। इसीलिए नवयुवकों को भविष्य और वृद्धों को अतीत प्रिय लगता है।
(स)
1. वर्तमान समय सदैव सुधारों का समय इसलिए बना रहता है क्यूंकि प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह युवा हो या वृद्ध, अपने वर्तमान से ही दुखी होता है। युवा अपने भविष्य के सुखद स्वप्न देखते हैं जबकि वृद्ध अपने अतीत के सुखों का गान करते हैं। वस्तुतः जो भी हमें प्राप्त होता है उससे हम प्रायः संतुष्ट नहीं होते ,इसलिए उसमें परिवर्तन करते रहते हैं। यही कारण है कि वर्तमान समय सदैव सुधारों का समय बना रहता है।
2. युवाओं को भविष्य की स्मृति मनमोहक प्रतीत होती है जबकि वृद्धों को अतीत की। युवा भविष्य को वर्तमान में देखना चाहते हैं और वृद्ध अतीत को। युवा क्रांति के समर्थक होते हैं जबकि वृद्ध अतीत गौरव के संरक्षक होते हैं।
3. संसार का चित्र ऐसे युवाओं को बड़ा ही आकर्षक लगता है, जो जीवन के संघर्षों से बहुत दूर होते हैं।