निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
ईर्ष्या का सम्बन्ध प्रतिद्वन्द्विता से होता है, क्योंकि भिखमंगा करोड़पति से ईर्ष्या नहीं करता । यह एक बात है, जो ईर्ष्या के पक्ष में भी पड़ सकती है; क्योंकि प्रतिद्वन्द्विता से मनुष्य का विकास होता है, किन्तु अगर आप संसारव्यापी सुयश चाहते हैं तो आप रसेल के मतानुसार, शायद नेपोलियन से स्पर्द्धा करेंगे । मगर याद रखिए कि नेपोलियन भी सीजर सिकन्दर से तथा सिकन्दर हरकुलिस से ।
(अ) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) 1. यश की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए ?
2. प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने ईर्ष्या के सम्बन्ध में कौन-सी सकारात्मक बात कही है ?
3. विश्वव्यापी प्रसिद्धि के इच्छुक व्यक्ति किससे स्पर्द्धा करेंगे और उन्हे क्या याद रखना चाहिए ?
4. प्रतिद्वन्द्विता से क्या लाभ होता है ?
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Explanation:
- यह मार्ग बर्ट्रेंड रसेल द्वारा लिखा गया है
- इस अनुच्छेद में, लेखक समाज के प्रमुख मुद्दों में से एक को उजागर करने की कोशिश कर रहा है अब एक दिन उदा। ईर्ष्या द्वेष
- वह कहते हैं कि लोगों में ईर्ष्या बहुत आम हो गई है। हर किसी को अपने कपड़ों, अपनी पेशेवर उपलब्धियों और कई अन्य चीजों की वजह से दूसरे से जलन होती है
- उनके अनुसार दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। बल्कि लोगों को एक-दूसरे की प्रशंसा करनी चाहिए और इसे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के रूप में लेना चाहिए
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