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अगर घर खरीदने या नए घर में शिफ्ट होने की बात हो तो भारत के लोग शुभ मुहूर्त को लेकर बड़े संजीदा रहते हैं। उनका मानना है कि अगर शुभ दिन गृह प्रवेश किया जाएगा तो यह सौभाग्य लाएगा।
कोरोना वायरस महामारी के बाद अधिक से अधिक लोग सक्रिय रूप से घर खरीद रहे हैं. गृह प्रवेश समारोह करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. हालांकि महामारी के खतरे को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन सेरेमनी का चुनाव कर रहे हैं जिसमें मेहमानों के बीच पुजारी उन्हें प्रक्रिया के माध्यम से मार्गदर्शन कर रहे हैं. इस तरह लोग सुरक्षित रहते हुए भी अपनी धार्मिक मान्यताओं को पूरा कर रहे हैं. वर्तमान में, श्रावण का महीना (23 जुलाई, 2021 से 22 अगस्त, 2021) चल रहा है, इसके बाद भाद्रपद और अश्विन हैं जहां पितृ पक्ष की अवधि मनाई जाती है (20 सितंबर, 2021 से 6 अक्टूबर, 2021). गृह प्रवेश के लिए शुभ तारीखों का अगला सेट नवंबर 2021 में उपलब्ध है.
जब कोई नए घर में पहली बार जाता है, तब गृह प्रवेश कराया जाता है। मुंबई की वास्तु शास्त्र और एस्ट्रोलॉजी एक्सपर्ट जयश्री धमानी के मुताबिक यह सिर्फ घर के मालिक के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है। वास्तु के मुताबिक घर पांच तत्वों से मिलकर बना है-सूर्य, धरती, पानी, अग्नि और वायु और इन सभी का सही तालमेल ही घर में खुशियां, स्वास्थय और सुख-समृद्धि लाता है।
धमानी ने कहा कि माना जाता है अगर शुभ समय में घर में प्रवेश किया जाए तो यह जिंदगी आसान बना देता है और परिवार को नए घर में आने के बाद कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एेसे मुहूर्त के लिए वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, गुडी पड़वा और दशहरा जैसे दिन शुभ माने गए हैं। जबकि उत्रायण, होली, अधिकमास और श्राद्ध पक्ष अशुभ हैं।
अगर आप दशहरे पर नए घर में प्रवेश कर रहे हैं तो किसी शुभ समय की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस दिन के हर लम्हे को शुभ माना गया है। गृह प्रवेश से पहले एक कलश पूजा भी होती है।
इसके लिए तांबे के कलश को 9 तरह के अनाजों से भरा जाता है और एक सिक्का डाला जाता है। इसके बाद कलश पर एक नारियल रखा जाता है और शख्स पुजारी द्वारा कहे जाने वाले मंत्रों के साथ घर में प्रवेश करता है।
गृह प्रवेश करते वक्त क्या करें क्या न करें
गृह प्रवेश तब ही करें जब नया घर परिवार के लिए रहने लायक हो। वास्तु प्लस के वास्तु सलाहकार नितिन परमार के मुताबिक, घर में काम पूरा होना चाहिए और इसमें नया पेंट होना चाहिए। अगर स्वतंत्र घर है तो छतें भी तैयार होनी चाहिए। घर में गेट, खिड़कियां और अन्य फीटिंग्स भी पूरी होनी चाहिए। परमार ने कहा कि वास्तु पुरुष और अन्य देवी-देवताओं की पूजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक और माता लक्ष्मी के पैरों के निशान बने होने चाहिए। घर के मुख्य द्वार को तोरण से सजाया जाना चाहिए। यह आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से बना होता है। घर का मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए व इसे गृह प्रवेश के दिन ही स्थापित करना चाहिए।
यह घर के मालिक पर निर्भर करता है कि गृह प्रवेश समारोह छोटा हो या बड़ा। आमतौर पर नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने के लिए हवन कराया जाता है। इसमें गणेश पूजा, नवगृह शांति, जिसमें 9 गृहों और वास्तु पूजा की जाती है। इस समारोह में आप पुजारी समेत जिन दोस्तों या रिश्तेदारों को बुलाते हैं, उन्हें खाना खिलाया जाता है। गृह प्रवेश होने के बाद परिवार नए घर में रह सकता है।
वास्तु एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि गृह प्रवेश सेरेमनी के बाद अगले 40 दिन के लिए कम से कम हर परिवार को हर वक्त घर में मौजूद रहना चाहिए और घर को खाली या फिर लॉक नहीं छोड़ना चाहिए.
नए घर में गृह प्रवेश के लिए कुछ जरूरी टिप्स
गृह प्रवेश हमेशा शुभ दिन ही करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों को घर की पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए।
पूजा कराने से पहले घर को अच्छे से साफ करें। इसके लिए आप पानी में नमक घोलकर फर्श धो सकते हैं। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है।
घर में प्रवेश के दौरान सीधा पैर पहले रखें।
घर के मेन गेट को अच्छे से सजाएं, क्योंकि इसे सिंह द्वार कहा जाता है यानी वास्तु पुरुष का चेहरा। इसे आम की पत्तियों और ताजे फूलों से सजाएं।
फर्श पर चावल के आटे और शानदार रंगों से रंगोली बनाएं। माना जाता है कि रंगोली बनाने से माता लक्ष्मी आती हैं।
आसपास की जगह को शुद्ध करने के लिए हवन (जड़ी-बूटियों और लकड़ी को आग में डालना) किया जाता है।
अगर मुमकिन हो तो गृह प्रवेश की पार्टी सिर्फ करीबी लोगों के साथ ही करें. ज्यादा लोगों को बुलाने से नकारात्मक शक्तियां आती हैं, जो घर में रहने वाले लोगों पर बुरा असर डाल सकती हैं. इसके अलावा, कोरोना वायरस महामारी अभी भी चल रही है, सभी की भलाई और सुरक्षा के लिए, केवल खास परिवार के लोगों को शामिल होने की सलाह दी जाती है.
गृह प्रवेश पूजा में शामिल होने वाले हर व्यक्ति को कुछ तोहफा जरूर दिया जाना चाहिए. कोई भी व्यक्ति खाली हाथ घर से न निकले. यह एक छोटे से चांदी के सिक्के, भगवान की मूर्ति, मिठाई के बक्से, या ताजे पौधों से कुछ भी हो सकता है, जो किसी के बजट पर निर्भर करता है.