निम्नलिखित को अक्रिस्टलीय तथा क्रिस्टलीय ठोस में वर्गीकृत कीजिए।
पॉलियूरिथेन, नैफ्थैलीन, बेन्जोइक अम्ल, टेफ्लॉन, पोटैशियम नाइट्रेट, सेलोफेन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, रेशाकाँच, ताँबा।
Answers
Answer:
पॉलियूरिथेन, नैफ्थैलीन, बेन्जोइक अम्ल, टेफ्लॉन, पोटैशियम नाइट्रेट, सेलोफेन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, रेशाकाँच, ताँबा।✔✔✔✌☺
प्रश्न में दिये गये पदार्थों में क्रिस्टलीय व अक्रिस्टलीय ठोस इस प्रकार हैं...
क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ — नैफ्थैलीन, बेन्जोइक अम्ल, पोटैशियम नाइट्रेट तथा ताँबा।
अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ — पॉलियूरिथेन, सेलोफेन, टेफ्लॉन, पॉलिवाइनिल, रेशा, काँच तथा क्लोराइड।
Explanation:
क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ वास्तविक ठोस होते हैं। इन पदार्थों का गलनांक निश्चित होता है एक निश्चित ताप पर क्रिस्टलीय ठोस पिघलकर द्रव बन जाते हैं। तेज धार वाले औजार से काटने सपाट व चिकनी सतह वाले दो टुकड़ो मे बंट जाते हैं।
अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ आभासी ठोस व अतिशीतित द्रव होते हैं। एक विशिष्ट गलनांक ताप पर नरम होकर पिघलते हैं और बहने लगते हैं, तब इन्हें मनोवांछित आकृति में डाला जा सकता है। तापमान कम होने पर यह पुनः अपनी ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेते हैं। इस तरह अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थों को विशिष्ट तापमान पर पिघलाकर अन्य आकार व आकृतियों वाले पदार्थ बनाए जा सकते हैं। तेज धार वालो औजार से काटने पर अनियमित सतह वाले टुकड़ों में बंट जाते हैं।
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