Physics, asked by Rishabhjain334, 10 months ago

सूर्य के द्रव्यमान से 2.5 गुने द्रव्यमान का कोई तारा 12 km आमाप से निपात होकर 1.2 परिक्रमण प्रति सेकण्ड से घूर्णन कर रहा है (इसी प्रकार के संहत तारे को न्यूट्रॉन तारा कहते हैं। कुछ प्रेक्षित तारकीय पिण्ड, जिन्हें पल्सार कहते हैं, इसी श्रेणी में आते हैं।)। इसके विषुवत् वृत्त पर रखा कोई पिण्ड, गुरुत्व बल के कारण, क्या इसके पृष्ठ से चिपका रहेगा? (सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 10^{30} kg). )

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Answered by kaashifhaider
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गुरुत्वी बल, अभिकेन्द्रीय बल से  ज़्यादा है इसलिए वह सतह से चिपकी रहेगी।

Explanation:

जब किसी गृह का अभिकेन्द्रीय बल गुरुत्वाकर्षण बल से कम होता है तो कोई भी चीज़ उससे चिपकी रहती है।

तारे का द्रव्यमान  M = 2.5 x  सूर्य का द्रव्यमान

 = 5 X 10³⁰ kg

 आमाप या त्रिज्या  R = 12km

= 12000m 

 

जैसा की हम जानते हैं।

g = GM/r² = 6.67 x 10⁻¹¹x 5 x 10³⁰/(12 X 10³)²

                = 2.3 X  10¹² m/s²

गृह का अभिकेन्द्रीय बल =

v²/r = (2πrη)²/r

     = 4π²η²r 

η = 1.2 rev/sec

इसलिए

v²/r  = 4*(3.14)²*(1.2)²*12*10³

             = 0.682 * 10⁶ m/s²

g≥ v²/r

गुरुत्वी बल ज़्यादा है इसलिए वह सतह से चिपकी रहेगी।

दिखाइए कि गुरुत्व के अधीर गिरती हुई वस्तु मे कुल ऊर्जा नियत होती है ?​

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