निम्नलिखित कार्बनिक हैलोजन यौगिकों की संरचना दीजिए-
(i) 2-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन (ii) p-ब्रोमोक्लोरो बेन्जीन
(iii) 1-क्लोरो-4-एथिलसाइक्लोहेक्सेन (iv) 2-(2-क्लोरोफेनिल)-1-आयडोऑक्टेन
(v) 2-ब्रोमोब्यूटेन (vi) 4-तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयडोहेप्टेन
(vii) 1-ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिल बेन्जीन (viii) 1,4- डाइब्रोमोव्यूट-2-ईन
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निम्नलिखित कार्बनिक हैलोजन यौगिकों की संरचना दिया गया है-
(i) 2-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन- CH_3CH_2(Cl)CH(CH_3)CH_2CH_3
(ii) p-ब्रोमोक्लोरो बेन्जीन - p-ब्रोमोक्लोरो बेन्जीन मे क्लोरोबेन्ज़ीन के पारा आबस्थान मे एक ब्रोमीन अनु रहता है।
(iii) 1-क्लोरो-4-एथिलसाइक्लोहेक्सेन- CH_3CH_2-C_6H_10-Cl ; यह एक साइक्लो यौग है।
(iv) 2-(2-क्लोरोफेनिल)-1-आयडोऑक्टेन - इस यौग मे प्रतिस्थापक समूह क तौर पर क्लोरोफेनिल रहता है।
(v) 2-ब्रोमोब्यूटेन- CH_3CH_2CH(Br)CH_3; Br समूह के उपस्थिति के लिए यह एक ह्यालाइड यौग है
(vi) 4-तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयडोहेप्टेन – इस यौग मे प्रतिस्थापक समूह क तौर पर तृतीयक ब्यूटिल और आयोडीन समूह रहता है।
(vii) 1-ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिल बेन्जीन – इस साइक्लिक आरोमटिक यौग मे एक द्वितीयक ब्यूटिल समूह रहता है।
(viii) 1,4- डाइब्रोमोव्यूट-2-ईन- Br-CH_2CH=CHCH_2Br
सभी यौग क संरचना चित्र मे दिया गया है।