निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
लखन कहेउ मुनि सुजसु तुम्हारा ।तुम्हहि अछत को बरनै पारा ।।
अपने मुहु तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भाँति बहु बरनी।।
नहि संतोषु त पुनि कछु कहहू ।जनि रिस रोकि दुसह दुख सहहू।।
बीरब्रती तुम्ह धीर अछोभा। गारी देत न पावहु सोभा।
(क) लखन ने परशुराम के लिए क्या व्यंग्यपूर्ण बातें कहीं?
(ख)अंतिम दो पंक्तियों में लक्ष्मण क्या कहते हैं?
(ग)काव्यांश में आए अलंकारों के नाम लिखिए।
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