Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −
(क) पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो है वो भी आदमी
(ख) पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी

Answers

Answered by nikitasingh79
20

उत्तर :

(क) कवि ने व्यंग किया है मस्जिद में आदमी कुरान शरीफ पढ़ने और नमाज़ अदा करने जाते हैं परंतु उनमें से कुछ ऐसे आदमी भी होते हैं जो वहां आने वालों की जूतियां चुराते हैं। उन जूता चोरों पर नज़र रखने वाले भी आदमी ही होते हैं ।जूता चोरों और उन पर नजर रखने वालों का ध्यान ईश्वर की ओर नहीं बल्कि अपने अपने लक्ष्य पर होता है।


(ख) कवि ने व्यंगात्मक स्वर में कहा है कि आदमी ही आदमी का अपमान करता है। सहायता प्राप्ति के लिए आदमी ही आदमी को बुलाता है और मदद देने के लिए भी आदमी ही दौड़कर आता है ।अपमान करने वाला आदमी और सहायता करने वाला भी आदमी ही है ।कवि के अनुसार अलग-अलग स्वभाव आदमी से अलग-अलग काम करवाती है।



आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

Answered by SweetCandy10
9

Answer:-

(क) कवि ने व्यंग किया है मस्जिद में आदमी कुरान शरीफ पढ़ने और नमाज़ अदा करने जाते हैं परंतु उनमें से कुछ ऐसे आदमी भी होते हैं जो वहां आने वालों की जूतियां चुराते हैं। उन जूता चोरों पर नज़र रखने वाले भी आदमी ही होते हैं ।जूता चोरों और उन पर नजर रखने वालों का ध्यान ईश्वर की ओर नहीं बल्कि अपने अपने लक्ष्य पर होता है।

(ख) कवि ने व्यंगात्मक स्वर में कहा है कि आदमी ही आदमी का अपमान करता है। सहायता प्राप्ति के लिए आदमी ही आदमी को बुलाता है और मदद देने के लिए भी आदमी ही दौड़कर आता है ।अपमान करने वाला आदमी और सहायता करने वाला भी आदमी ही है ।कवि के अनुसार अलग-अलग स्वभाव आदमी से अलग-अलग काम करवाती है।

Hope it's help You❤️

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