निम्नलिखित में अलंकार बताइए। 1. बीती बिभावरी जाग री अम्बर पनघट में डूबो रही तारा घट ऊषा नागरी। 2.दारिद - दसानन दबाई दुनी, दीनबंधु! दुरित-दहन देखि तुलसी हहा करी। 3.'तुलसी' बुझाई एक राम घनश्याम ही में, आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेटकी। 4. तिरती है समीर -सागर पर अस्थिर सुख पर दुःख की छाया। 5. बहुत काली सिल ज़रा से केसर से जैसे धुल गई हो।
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hai
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1.पनघट
ऊषा
बिभावरी
2.दसानन
दीनबंधु
3.
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