CBSE BOARD X, asked by miugtiwh1imahmanit, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(i) कवि बिहारी ने भक्ति के कौन से बाहरी आडंबरों का विरोध किया है? स्पष्ट किजिए|
(ii) ‘मधुर – मधुर मेरे दीपक जल’ कविता में कवयित्री को आकाश के तारे स्नेहहीन से क्यों प्रतित होते हैं?
(iii) ‘आत्मत्राण’ कविता के आधार पर बताइए कि हमारी परमात्मा से क्या प्रार्थना होनी चाहिए ओर क्यों?

Answers

Answered by latikagk
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(i) कवि बिहारी ने भक्ति के लिए माला जपने, चंदन लगाने, तिलक लगाने, आदि दिखावे की क्रियाओं का खंडन किया है| उनका मानना है कि भक्ति में सच्चे मन की जरूरत होती है, बाहरी आडंबरों से परमात्मा खुश नहीं होता है|

(ii) ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ कविता में कवयित्री को आकाश के तारे स्नेहहीन से इसलिए प्रतित होते है क्योंकि इनमें संसारी लोगों की भाँति भक्ति और प्रेम की बातें तो हैं परंतु श्रद्धा और भक्ति नहीं है| ये आकाश में निरंतर तारों की एकरस प्रक्रिया है, जो कि भावशून्य है|

(iii) ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि ने कहा है कि हमारी परमात्मा से यह प्रार्थना होनी चाहिए कि हे प्रभु! जब हम चारों ओर से दु:खों से घिरनेपर परिस्थितियों से लडने की शक्ति माँगे, मुसिबतों से लडने का बल, पौरूष बने रहने का वरदान माँगना चाहिए| वह प्रभु के सामने दीन-हीन न होकर संकटों से लडने का साहस चाहता है| किसी भी शर्त पर वह ईश्वरीय सत्ता पर संशय नहीं चाहते हुए परमात्मा से निवेदन करता है कि मेरा आप पर विश्वास अटल रहें|

Answered by akkineni2007
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Answer:

HIM11 hmm m more here is the correct

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