Geography, asked by jakkireddymohan8801, 11 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
(i) मानचित्र प्रक्षेप के तत्त्वों की व्याख्या कीजिए।
(ii) भूमंडलीय संपत्ति से आप क्या समझते हैं?
(iii) कोई भी मानचित्र ग्लोब को सही रूप में नहीं दर्शाता है, क्यों?
(iv) बेलनाकार सम-क्षेत्र प्रक्षेप में क्षेत्र को समरूप कैसे रखा जाता है?

Answers

Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर

मानचित्र प्रक्षेप

अक्षाश एवं देशांतर रेखाओं के जाल को समतल पृष्ठ पर उतरना मानचित्र प्रक्षेप है | इसे गोलाकार पृष्ठ से अक्षाशों एवं देशांतरों के जाल को समतल सतह पर स्थानांतरण के रूप में परिभाषित किया जाता है|

मानचित्र प्रक्षेप की आवश्यकता हमें इसलिए पड़ती है , क्योंकि ग्लोब पर छोटे स्थानों को विस्तृत रूप से दिखाने में मुश्किल आती है | इसलिए मानचित्र प्रक्षेप सहायता से हम पृथ्वी के किसी भी भाग को उसके सही आकर और विस्तार से दिखाने में मदद करता है|

मानचित्र प्रक्षेप के तत्वों की व्याख्या

पृथ्वी का छोटा रूप : मानचित्र  प्रक्षेप द्वारा लघु मापनी की सहायता से पृथ्वी के स्वरूप को कागज की समतल सतह पर दर्शाया जाता है| इस मॉडल को पृथ्वी का छोटा रूप कहते है|  

अक्षांश के समांतर: यह ग्लोब के चारों और स्थित वह वृत्त है जो विषुवत वृत्त के समांतर और ध्रुवों से समान दूरी पर स्थित होते है| इनका विस्तार धुर्व पर बिन्दु से लेकर विषुवत वृत्त पर ग्लोबिय परिधि तक होता है| इन का सीमांकन 0 डिग्री से 90 डिग्री उतरी और दक्षिणी अक्षाशों में किया जाता है|

देशांतर के याम्योत्तर : यह अर्धवृत होते है | जो की उत्तर से दक्षिण दिशा की और , एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक खींचें जाते है तथा दो विपरीत याम्योत्तर एक वृत्त का निर्माण करते है | जो ग्लोबल की परिधि होती है|

ग्लोबल के गुण :  मानचित्र प्रक्षेप बनाने में ग्लोब की सतह के मूल गुणों को कुछ विधियों के द्वारा संरक्षित रखा जाता है| यही गुण किसी स्थान की दूरी , आकृति , क्षेत्रफल तथा दिशा को अभिव्यक्त करते है|

  • प्रदेश की आकृति
  • किसी क्षेत्र के लिए गए बिन्दुओं की बीच की दूरी  
  • प्रदेश के आकर या क्षेत्रफल का सही माप  
  • प्रदेश के किसी एक बिंदु से दूसरे बिंदु की दिशा |

(ii) भूमंडलीय संपत्ति से आप क्या समझते हैं?

भूमंडलीय गुण ही भूमंडलीय सम्पत्ति कहलाता है| एक मानचित्र में चार : भू मंडलीय गुण- क्षेत्रफल, आकृति, दिशा और दूरी होते है| भूमंडलीय गुणों के आधार पर प्रक्षेपों को समक्षेत्र , यथाकृतिक तथा स्म्दुरस्थ प्रेक्षप में वर्गीकरण किया जाता है| यह वह प्रेक्षप होता है , जिस में पृथ्वी के विभिन्न भागों को सही-सही चित्रित किया जाता है|

(iii) कोई भी मानचित्र ग्लोब को सही रूप में नहीं दर्शाता है, क्यों?

ग्लोब पृथ्वी का लगभग अधिकाधिक शुद्ध प्रतिरूप है| मानचित्र प्रक्षेप अक्षांश और देशांतर रेखाओं का जल होता है | यह समतल कागज़ पर बनाया जाता है| ग्लोब पृथ्वी का सही प्रतिनिधित्व करता है|  प्रेक्षप ग्लोब की छाया होती ह, जो कुछ स्थानों पर विकृत हो जाता है| इस तरह  प्रेक्षप ग्लोब को सही रूप में नहीं दर्शाता है|  

(iv) बेलनाकार सम-क्षेत्र प्रक्षेप में क्षेत्र को समरूप कैसे रखा जाता है?

बेलनाकार सम-क्षेत्र प्रक्षेप लैम्बर्ट प्रक्षेप से भी जाना जाता है|  बेलनाकार प्रक्षेप में अक्षांश और देशान्तर रेखाओं की दूरी की गणना कर आनुपातिक रूप से बनाया जाता है | यह रेखाएं परस्पर समानांतर तथा एक दूसरे को समकोण पर काटती है , जिस के कारण क्षेत्रफल विक्र्तियाँ न्यूनतम हो जाती है| इस प्रकार बेलनाकार , समक्षेत्र, प्रक्षेप में समरूप हो जाता है|

भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य पाठ से  संबंधित प्रश्न

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अक्षाशों एवं देशांतरों के बीच अंतर स्पष्ट करें l

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें : (i) पृथ्वी पर दो प्राकृतिक संदर्भ बिंदु कौन से हैं ? (ii ) बृहत वृत्त क्या है ? (iii) निर्देशांक क्या है ? (iv) सूर्य पूर्व से पश्चिम जाता हुआ क्यों दिखाई देता है ? (v) स्थानीय समय से आप क्या समझते है ?

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