अंतर स्पष्ट कीजिए-
(i) विकासनीय एवं अविकासनीय पृष्ठ
(ii) सम-क्षेत्र तथा यथाकृतिक प्रक्षेप
(iii) अभिलंब एवं तिर्यक प्रक्षेप
(iv) अक्षांश के समांतर एवं देशांतर के याम्योत्तर
Answers
अंतर स्पष्ट इस प्रकार है:
(i) विकासनीय एवं अविकासनीय पृष्ठ
विकासनीय पृष्ठ : विकासनीय पृष्ठ वह होता है , जिसे समतल किया जा सकता है तथा जिस पर अक्षाशों और देशांतरों के जल को प्रक्षेपित किया जा सकता है| बेलन , शंकु , तथा समतल में विकासनीय पृष्ठ के गुण होते है| बेलनी प्रक्षेपों को बेलनाकार विकासनीय पृष्ठ का इस्तेमाल करके बनाया जाता है| विकासनीय पृष्ठ के गुणों के आधार पर प्रक्षेपों को बेलनी , शंकु तथा खमध्य प्रक्षेपों में वर्गीकृत किया जाता है|
अविकासनीय पृष्ठ : अविकासनीय पृष्ठ सतह वह है , जिसे बना सिकोड़े ,खंडित किए अथवा तोड़े-मोड़े चपटा नहीं किया जा सकता है| ग्लोब या गोलाकार सतह में अविकसनीय पृष्ठ के गुण होते है|
(ii) सम-क्षेत्र तथा यथाकृतिक प्रक्षेप
सम-क्षेत्र प्रक्षेप वह प्रक्षेप होता है, जिस में पृथ्वी के विभिन्न भागों को सही-सही दर्शाया जाता है|
यथाकृतिक प्रक्षेप =यथाकृतिक प्रक्षेप वह प्रक्षेप है , जिस में विभिन्न क्षेत्रों की आकृतियों को सही-सही चित्रित किया जाता है| इस में क्षेत्रफल की शुद्धता का ध्यान रखे बिना आकृति को यथावत बनाए रखा जाता है|
(iii) अभिलंब एवं तिर्यक प्रक्षेप
अभिलंब प्रक्षेप : अगर विकासनीय पृष्ट ग्लोब पर विषुवत वृत्त को स्पर्श करता है तो उसे विषुवतीय या अभिलंब प्रक्षेप कहा जाता है|
तिर्यक प्रक्षेप : अगर विकासनीय पृष्ठ विषुवत वृत्त या ध्रुव के बीच किसी बिंदु पर स्पर्शरेखीय होता है , तो इसे तिर्यक प्रक्षेप कहा जाता है|
(v)अक्षांश के समांतर एवं देशांतर के याम्योत्तर
अक्षांश के समांतर
अक्षांश विषुवत वृत्त के उत्तर या दक्षिण में स्थित किसी बिंदु को कोणीय दूरी है , जिसे डिग्री में मापा जाता है| सभी अक्षांश विषुवत वृत्त के समांतर होते है|
ग्लोब पर अक्षांश समांतर वृत्त के समान प्रतीत होते है| दो अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 किलोमीटर होती है| 0 डिग्री अक्षांश को विषुवत वृत्त और 90 डिग्री को ध्रुव कहा जाता है|
देशांतर के याम्योत्तर
देशांतर के याम्योत्तर के साथ बनी वह कोणीय दूरी है , जिसे डिग्री में मापा जाता है| इसे ग्रीनविच के पूर्व और पश्चिम 0 डिग्री से 180 डिग्री मापा जाता है| देशांतर से सभी यम्योत्तर ध्रुवों पर मिलते है| सभी यम्योत्तर वृत्त के समान प्रतीत होते है , जो धुर्वों से गुजरतें हैं | यम्योत्तरों के बीच की दूरी विषुवत वृत्त पर अधिकतम तथा धुर्वों पर न्यूनतम होती है| मध्य में अथार्त 45 डिग्री अक्षांश पर यह 79 किलोमीटर होती है|
भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य पाठ से संबंधित प्रश्न
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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
(i) मानचित्र प्रक्षेप के तत्त्वों की व्याख्या कीजिए।
(ii) भूमंडलीय संपत्ति से आप क्या समझते हैं?
(iii) कोई भी मानचित्र ग्लोब को सही रूप में नहीं दर्शाता है, क्यों?
(iv) बेलनाकार सम-क्षेत्र प्रक्षेप में क्षेत्र को समरूप कैसे रखा जाता है?
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अक्षाशों एवं देशांतरों के बीच अंतर स्पष्ट करें l