Hindi, asked by cuttybeauty8268, 8 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए- क) परशुराम की स्वाभावगत विशेषताएँ क्या हैं? पाठ के आधार पर लिखिए। ख) 'साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है' - इस कथन के आधार पर अपने विचार 'राम-लक्ष्मण-परशुराम संबाद' -पाठ के आलोक में लिखिए। ग) 'कन्यादान' कविता में वस्त्र और आभूषणों को शाब्दिक-भ्रम क्यो कहा गया है? घ) 'कन्यादान' कविता में माँ बेटी को ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना। ङ) संगतकार की आवाज में एक हिचक सी क्यों प्रतीत होती है?

Answers

Answered by chandrashekharrai
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Answer:

sorry I can't help you

Answered by sindhu789
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प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में हैं -

Explanation:

(क) पशुराम अतिक्रोधी स्वाभाव तथा बाल ब्रह्मचारी हैं। सारा संसार उन्हें क्षत्रिय कुल के नाशक के रूप में जानता है। पशुराम ने कई बार अपनी भुजाओं के बल पर इस धरती  क्षत्रिय राजाओं से मुक्त किया है तथा ब्राह्मणों को दान में दिया है।

(ख) साहस और शक्ति के द्वारा हम बहुत से काम कर सकते हैं, यदि इसमें विनम्रता भी जुड़ जाए तो ये कार्य को और सुगम बना सकती है। क्यूंकि विनम्रता हमें संयमित बनाती है जिससे व्यक्ति को आंतरिक ख़ुशी मिलती है। इस भाव के कारण विपक्षी भी व्यक्ति का आदर करते हैं।  

(ग) शब्दों का ही चमत्कार है कि प्रशंसात्मक शब्दों को सुनकर सामान्य जन लोगों के भ्रमजाल में आसानी से आ जाते हैं, जिसका परिणाम बुरा होता है। इसी तरह वस्त्र आभूषणों के चकाचौंध में नव-विवाहिताएं बंधन में बंध कर अपना अस्तित्व ही खो देती हैं। इसीलिए 'कन्यादान' कविता में वस्त्र और आभूषणों को शाब्दिक-भ्रम कहा गया है।  

(घ)  'कन्यादान' कविता में माँ ने बेटी को बताया कि मर्यादित जीवन जीते हुए लड़की की तरह रहना, परन्तु सामान्य अबला नारी की तरह अत्याचारों को सहन करने के लिए कटिबद्ध न रहना।  

(ङ) संगतकार की आवाज में एक हिचक सी इसलिए प्रतीत होती है क्यूंकि उसकी आवाज़ में संकोच स्पष्ट सुनाई देता है, हालांकि यह उसकी अयोग्यता नहीं बल्कि गायक के प्रति उसकी श्रद्धा का भाव होता है। इसी भाव के कारण वह सतर्क रहता है कि कहीं उसकी आवाज़ मुख्य गायक की आवाज़ से ऊपर न चली जाय। कवि ने संगतकार के ऐसे संकोच को  विफलता नहीं बल्कि उसे मानवीय गुणों में संपन्न बताया है।

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