Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए −
संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ 'सोना' और 'जागना' किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

nimnalikhit prashn kaa uttar deejie −
snsaar men sukhee vyakti kaun hai aur dukhee kaun? Yahaan 'sonaa' aur 'jaaganaa' kisake prateek hain? Isakaa prayog yahaan kyon kiyaa gayaa hai? Spaṣṭ keejie.

साखी

Answers

Answered by geetika3
188
sansar me sukhi vyakti vo hai jo khata hai aur sota hai, vo jise nhi pata ki is sansar me kya chal raha hai. aur sansar me dukhi vyakti vo hai jise gyan ki prapti ho gai hai aur sansar k dukho k bare me janta hai.

yaha sona agyanta ka prateek hai tatha jagna gyan prapt karne se hai.

iska prayog yaha islie kiya gaya hai kyuki kavi k anusaar jo vyakti agyan hai vahi chain ki neend sota hai kyuki use pata nhi ki is sansar me kaun kya dukh bhog raha hai aur jis vyakti ko gyan ki prapti ho gai hai vo janta hai ki is sansaar me logo ko kya dukh bhogne pad rahe hai.

hope that helps you☺
Answered by jayathakur3939
156

प्रशन :- संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ 'सोना' और 'जागना' किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है?

उत्तर :- कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं, जो संसार में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भोग करते हैं और दुखी वे हैं, जिन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई है।

'सोना' अज्ञानता का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है। जो लोग सांसारिक सुखों में खोए रहते हैं, भौतिक सुखों में लिप्त रहते हैं वे सोए हुए हैं और जो सांसारिक सुखों को व्यर्थ समझते हैं, अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं वे ही जागते हैं। वे संसार की दुर्दशा को दूर करने के लिए चिंतित रहते हैं।

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