निम्नलिखित प्रश्न उत्तर लिखिएI
'तोप' कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए I
Answers
“तोप” कविता का प्रतिपाद्य इस प्रकार है।
“तोप” में कविता में 1857 ईस्वी में होने वाले भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय प्रयोग में लाई जाने वाली एक तोप के बारे में बताया गया है। उस समय अंग्रेजों ने अपनी असीमित में ताकत से क्रांतिकारी भारतीयों का दमन किया था। यह तोप अंग्रेजों की क्रूरता प्रतीक है, जो इस समय सजावट के तौर पर कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर रखी हुई है। इसकी देखरेख बड़े संभाल के की जाती है, ताकि इसके माध्यम से यह संदेश दिया जा सके कि हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान कर यह अनमोल आजादी पाई है। ये तोप साल में दो बार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को निकालकर चमकायी जाती है। इस ऐतिहासिक लेकिन क्रूरता की प्रतीक तोप को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह तोप एक शक्तिशाली यंत्र के रूप में अपना परिचय देती है, जिसने अनेक शक्तिशाली लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन हर अत्याचारी का एक एक ना एक दिन अंत होता है। उसी तोप का का जमाना भी चला गया। अब इस तोप पर छोटे बच्चे धमा-चौकड़ी करते हैं और पक्षी आदि इस पर अपना डेरा डाले रहते हैं। यह तोप हमें यह संदेश देती है कि शासक कितना भी क्रुह क्यों ना हो एक ना एक दिन उसका अंत होना है और जनता क्रूर शासक का अंत करके ही मानती है।