Hindi, asked by Aahish7149, 9 months ago

मीठी बोली बोलने के लाभ तथा अपने स्वाभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर दास क्या - क्या उपाय बताए हैं ?

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Answered by Anonymous
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उत्तर :- मीठी बोली बोलने के लाभ तथा अपने स्वाभाव को

निर्मल रखने के लिए कबीर दास जी ने निम्नलिखित उपाय

बताए हैं :-

मीठी बोली बोलने के लाभ

मीठी बोली बोलने के लाभ को व्यक्त करने के लिए कबीर कहते

है कि -

" ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोये |

औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए || "

कबीर जी यह बताते है कि इंसान को मीठी वाणी बोलना

चाहिए , इससे सामने वाले व्यक्ति को भी सुख की प्राप्ति होती

है और आपका मन भी शीतल होता है । अतः खुद के मन को

शीतल और सामने वाले व्यक्ति को सुख देने के लिए मीठी

वाणी बोलनी चाहिए

अपने स्वाभाव को निर्मल रखने के लिए

अपने स्वभाव को निर्मल रखने हेतु , कबीरदास कहते है कि -

" निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें |

बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए || "

कबीरदास जी यह बताते है कि , जो लोग आपकी निंदा करते

है उनको हमेशा अपने पास रखना चाहिए । क्यूंकि वह आपके

स्वभाव को निर्मल बनाकर रखते है । वह आपके चरित्र से

बुराइयां दूर करते है , वह भी बिना साबुन और पानी के । अतः

ऐसे व्यक्ति जो आपकी निंदा करता है , उसको हमेशा साथ

रखना चाहिए इससे हमारा स्वभाव निर्मल रहता है

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