Hindi, asked by mdshanwz322, 11 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
बैठो माता के आँगन में
नाता भाई-बहन का
समझे उसकी प्रसव वेदना
वही लाल है माई का
एक साथ मिल बाँट लो
अपना हर्ष विषाद यहाँ है
सबका शिव कल्याण यहाँ है,
पावें सभी प्रसाद यहाँ ।

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Answered by bhatiamona
3

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि भारत माता के इस पवित्र सदन में निवास करने वाले सभी लोगों के बीच वास्तविक रिश्ते को उजागर किया है |

व्याख्या: प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि भारत में निवास करने वाले लोगों से कहता है, की आइए माँ के इस पवित्र सदन में बैठिए | हम सब का यहाँ और भाई-बहन का रिश्ता है, अथार्त भारत वर्ष में निवास करने वाले हम सभी आपस में भाई-बहन के समान है और कर्तव्य है की हम सब अपनी भारत माँ के कष्टों को महसूस करें , क्योंकि वह सच्चा पुत्र वही होता है जो अपनी माता के कष्टों के समझता है , को उसकी रक्षा के लिए अपने अपना हर समय समर्पण की भावना अपने मन में रखता है| सब सभी का यही उद्देश्य होना चाहिए की किसी की भी किसी प्रकार का कष्ट नहीं होना चाहिए | सब एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहे | क्योंकि यह भारत माता का मंदिर है इसलिए यहीं पर हम सब का मंगल कल्याण है और यही पर सभी सुख प्राप्त होंगे | हमें आपस में मिलकर रहना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए|

काव्यगत-सौन्दर्य

प्रस्तुत पंक्तियों में देशभक्ति का सच्चा अनुराग दर्शाया गया है|

भाषा-सरल , सहज और प्रवाह युक्त खड़ी बोली |

शैली – मुक्तक  

अलंकार -रूपक  

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https://brainly.in/question/15929645

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—

सागर निज छाती पर जिनके,

अगणित अर्णव-पोत उठाकर ।

पहुँचाया करता था प्रमुदित,

भूमंडल के सकल तटों पर ।।

नदियाँ जिसकी यश-धारा-सी

बहती हैं अब भी निशि-वासर ।

ढूँढ़ो, उनके चरण-चिन्ह भी

पाओगे तुम इनके तट पर ।।

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