निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास के नाम भी लिखिए :
(i) तन-मन
(ii) त्रिलोचन
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Answer:
१) तन और मन (दुविगु समास) ,२) तीनों लोकों की आलोचना करने वाला (द्वंद्व समास)
प्रशन :- निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास के नाम भी लिखिए :
(i) तन-मन
(ii) त्रिलोचन
उत्तर :-
(1) तन - मन का समास विग्रह :- तन और मन ( द्वंद्व समास )
(2) त्रिलोचन का समास विग्रह :- तीन है लोचन ( आंखे ) जिसकी ( बहुव्रीहि समास )
समास की परिभाषा :-
समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं । यह नया शब्द ही समास कहलाता है । यानी कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जा सके वही समास होता है । सामासिक शब्द या समस्तपद : जो शब्द समास के नियमों से बनता है वह सामासिक शब्द या समस्तपद कहलाता है ।
समास के छः भेद होते है : -
- तत्पुरुष समास
- अव्ययीभाव समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वंद्व समास
- बहुव्रीहि समास
1. तत्पुरुष समास :-
जिस समास में उत्तरपद प्रधान होता है एवं पूर्वपद गौण होता है वह समास तत्पुरुष समास कहलाता है ।
2. अव्ययीभाव समास : -
वह समास जिसका पहला पद अव्यय हो एवं उसके संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाए, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं । अव्ययीभाव समास में पूर्वपद प्रधान होता है, जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि शब्दों से भी कोई प्रभाव न हो जो अपरिवर्तित रहें वे शब्द अव्यय कहलाते हैं ।
3. कर्मधारय समास :-
वह समास जिसका पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता है, अथवा एक पद उपमान एवं दूसरा उपमेय होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं । कर्मधारय समास का विग्रह करने पर दोनों पदों के बीच में ‘है जो’ या ‘के सामान’ आते हैं ।
4. द्विगु समास :-
वह समास जिसका पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद समाहार या समूह का बोध कराए, उसे द्विगु समास कहते हैं।
5. द्वंद्व समास : -
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों एवं दोनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, या ‘एवं ‘ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है ।
6. बहुव्रीहि समास : -
जिस समास के समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।