निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
नीर-क्षीर-विवेके हंसालस्य त्वमेव तनुषे चेत् ।
विश्वस्मिन्नधुनान्यः कुलव्रतं पालयिष्यति कः ।।
Answers
नीर-क्षीर-विवेके हंसालस्य त्वमेव तनुषे चेत् ।
विश्वस्मिन्नधुनान्यः कुलव्रतं पालयिष्यति कः ।।
प्रस्तुत श्लोक में हंस के माध्यम से लोगों को अपने कर्तव्य के प्रति आलस्य न करने के लिए कहा गया है|
हे हंस यदि तुम दूध और पानी को अलग करने में आलस्य करोगे तो इस संसार में दूसरा कोन अपने कुल की मरियादा करेगा | यदि तुम ही गुण और दोषों को समझने में आलस्य करोगे और उचित अनुचित का निर्णय नहीं करोगे तो इस संसार में दूसरा कोन अपने कुलव्रत का पालन करेगा | अर्थ यह है की लोगों को अपने उचित-अनुचित का विवेक का पालन करने में कोई आलस्य नहीं करना चाहिए|
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https://brainly.in/question/15931208
निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत् ।।