निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
अपदो दूरगामी च साक्षरो न च पण्डितः ।
अमुखः स्फुटवक्ता च यो जानाति स पण्डितः ।।
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निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद —
प्रसंग: इस ग्धयांश में ग्रामीण और नागरिक के परस्पर पहेली पूछने का वर्णन किया गया है|
अनुवाद: हाँ , मुझे शर्त स्वीकार है, उस नागरिक के ऐसा कहने उर उसे ग्रामीण ने नागरिक से कहा-पहले आप ही पूछे नगरवासी से कहा, तुम ही पहले पूछो | यह सुनकर यह ग्रामवासी बोला ठीक है , मैं ही पहले पूछता हूँ , बिना पैर का है, परन्तु दूर तक जाता है, साक्षर है , परन्तु पण्डित नहीं है, मुख का है , परंतु साफ बोलने वाला है उसे जो, जनता है , वह विद्वान है|
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निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
नितरां नीचोSस्मीति त्वं खेदं कूप ! कदापि मा कृथाः ।
अत्यन्तसरसह्रदयो यतः परेषां गुणग्रहीतासि ।।
Answer:
it has no féet yet goes miles away it is educated but it's on expert it doesn't have mouth