निम्नलिखितेषु कस्यामपि एकस्यां पंक्त्यां प्रयुक्तः अलङ्कारस्य नामोल्लेखपूर्वकं लक्षणं लिखत- (क) वधाय वध्यस्य शरं शरण्यः।
(ख) न पतिष्यतः कर सहस्रमपि।
Answers
Answered by
2
Answer:
) अनुप्रास– लक्षणम्: नुप्रासः शब्दसाम्यं वैषम्येऽपि स्वरस्ययत् । अर्थात् स्वर की विषमता होते हुए भी शब्द साम्य को अनुप्रास कहते हैं अर्थात् वर्गों को पुनरावृत्ति होने पर अनुप्रास अलंकार होता है। जैसे उक्त पंक्ति के वधाय और वध्य में तथा शर और शरण्य में वेर्ण साम्य हैं।
(ख) श्लेषः श्लिष्टैः पदैरनेकार्थाभिधाने श्लेष इष्यते । अर्थात् जहाँ श्लिष्ट पदों के द्वारा अनेक अर्थों का कथन किया जाता है वहाँ श्लेष अलंकार होता है। यहाँ ‘कर’ के दो अर्थ हैं-
हाथ
किरण ।
Answered by
1
Answer:
hope it helps u dear......pls follow me
Similar questions
English,
5 months ago
English,
5 months ago
India Languages,
10 months ago
India Languages,
10 months ago