नाना साहब पर निबंध लिखना 250 world
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नाना साहब पर निबंध
नाना साहब एक प्रसिद्ध एवं बहादुर मराठा शासक थे। उनका मूल नाम घोंडू पंत था। नाना साहेब का जन्म कानपुर के निकट गंगा के तट पर स्थित बिठूर नामक जगह पर पंडित माधव नारायण भट्ट के घर हुआ था। उनके पिता माधव नारायण भट्ट और माता गंगाबाई थीं। नानासाहेब को पेशवा बाजीराव द्वितीय ने गोद दे दिया था। जब पेशवा बाजीराव द्वितीय की 1851 मृत्यु हो गई तो अंग्रेज अधिकारी लॉर्ड डलहौजी ने नानासाहेब को उनकी पेंशन से वंचित कर दिया, जिससे वह अंग्रेजी शासन के शत्रु बन गए और उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था।
नानासाहेब 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के शिल्पकार थे। प्रसिद्ध क्रांतिकारी तात्या टोपे नाना साहेब के सबसे परम मित्रों में से एक थे। नानासाहेब को बालाजी बाजीराव के नाम से भी जाना जाता है। 1857 में जब मेरठ में स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत हुई थी तो नानासाहेब बड़ी वीरता से लड़े और उन्होंने और उनके साथियों ने अंग्रेजों के काफी सामान पर अधिकार कर अंग्रेजों को एक किले में कैद कर लिया था। उन्होंने कानपुर पर लगभग अधिकार ही कर लिया था और काफी समय तक कानपुर पर उनकी पताका फहराती रही। फिर अंग्रेज अपनी विशाल सेना के साथ आ गये और कड़े संघर्ष के बाद नाना साहब को पराजय का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने साहस नही खोया और अलग-अलग जगहों पर अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करते रहे। नेपाल में देवखारी नामक स्थान पर बुखार से पीड़ित होने पर मात्र 34 वर्ष की अवस्था में उनकी मृत्यु हो गयी।