Hindi, asked by meet3130, 6 months ago

नारीयोे साथ होनेवाले अन्याओं के बारे में
अपने विचार लिखिए​

Answers

Answered by aprajitapandey011
1

Explanation:

"हाथॊं में पिघलता है लोहा

ना उम्मीद ना कोई लकीर

मेरा सब कुछ मेरा हौसला

हिम्मत है मेरी तकदीर "

नारी, यह वो शब्द है जो केवल एक शब्द ही नहीं बल्कि एक रूप है, वह रूप जिसे प्रकृति ने अत्यंत सुख एवं घोर पीड़ा को अनुभव करते हुए रची थी . नारी प्रकृति की अद्भुत रचना है. इस रचना को दैविक स्तर दिया गया है, क्योंकि नारी कॊ सृष्टि की "रचना" एवं उसके "विध्वंस" करनॆ का वरदान है.

आखिर गर्भ में नौ मास आसूं पलकों पे थाम के हस्ती रहना, कोई आम बात नहीं.

नारी पृथ्वी की तरह सहनशील होती है,सारी व्यथा चुपचाप सह लेती है. चाहे सत्युग हो या कल्युग, कभी अहिल्या, सीता, द्रौपदी , निर्भया, बनकर प्रताड़ित हुई है.

नारी का पढ़ा- लिखा होना उसके लिए अभिशाप होता है, मानों उसका जन्म ही पति के पैर धोने एवं चुल्हा-चौका करने को हुआ हो. यदि वह आगे बढ़ना चाहे तो उसके पर काट दिए जाते हैं.

उसे केवल बंदिश बनाकर ही नहीं रखा जाता बल्कि अपने अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाने पर उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया जाता है, उसके तन पर उन जालिम हाथॊं के अनचाहे छाप जीवन भर के लिए छोड़ दिए जाते हैं. और अंत में उसपर हुए जुल्म के लिए उसे ही दोषी ठहराया जाता है.

प्रतिदिन एक नारी दहेज के लिए जलकर मरती है.

नारी पर होने वाला सबसे बड़ा कोई अत्याचार है, उसका नारी होना. पैदा होते ही एवं पैदा होने से भी पहले गर्भ में ही,उसे मार दिया जाता है.

Similar questions