English, asked by dineshbhabar, 3 months ago

नाटक एवं एकांकी में चार अंतर बताइए​

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Answered by afsana620ali
18

Answer:

नाटक और एकांकी में क्या अंतर है | Difference between Natak and Ekanki in Hindi !!

# नाटक में अनेक अंक होते हैं जबकि एकांकी में केवल एक अंक पाया जाता है अर्थात नाटक में कई लोगों के बारे में प्रस्तुति की जाती है जैसे कि “सीमा, उसकी सखी ललिता, उसके पिता मोहनदास, उसकी माता शीला आदि ” और एकांकी में केवल “सीमा के बारे में ही बताया जायेगा.”

# नाटक में आधिकारिक के साथ उसके सहायक और गौण कथाएं भी होती हैं जबकि एकांकी में एक ही कथा का वर्णन होता है.

# नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है.

# नाटक की विकास प्रक्रिया धीमी होती है जबकि एकांकी की विकास प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है.

# नाटक में कथानक में फैलाव और विस्तार होता है जबकि एकांकी में घनत्व होता है अर्थात नाटक में हम और पात्र और कहानी को बढ़ा सकते हैं जबकि एकांकी में ऐसा नहीं किया जा सकता.

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपको नाटक और एकांकी को पूर्ण रूप से समझने में मदद भी मिली होगी. यदि फिर भी कोई गलती हो तो हमे अवश्य नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं. और यदि कोई सवाल या सुझाव भी आपके मन में हो तो वो भी आप हमे बता सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी समस्या दूर कर पाएं.

Answered by manshisharma9january
1

Answer:

नाटक और एकांकी में क्या अंतर है | Difference between Natak and Ekanki in Hindi !!

# नाटक में अनेक अंक होते हैं जबकि एकांकी में केवल एक अंक पाया जाता है अर्थात नाटक में कई लोगों के बारे में प्रस्तुति की जाती है जैसे कि “सीमा, उसकी सखी ललिता, उसके पिता मोहनदास, उसकी माता शीला आदि ” और एकांकी में केवल “सीमा के बारे में ही बताया जायेगा.”

# नाटक में आधिकारिक के साथ उसके सहायक और गौण कथाएं भी होती हैं जबकि एकांकी में एक ही कथा का वर्णन होता है.

# नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है.

# नाटक की विकास प्रक्रिया धीमी होती है जबकि एकांकी की विकास प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है.

# नाटक में कथानक में फैलाव और विस्तार होता है जबकि एकांकी में घनत्व होता है अर्थात नाटक में हम और पात्र और कहानी को बढ़ा सकते हैं जबकि एकांकी में ऐसा नहीं किया जा सकता.

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपको नाटक और एकांकी को पूर्ण रूप से समझने में मदद भी मिली होगी. यदि फिर भी कोई गलती हो तो हमे अवश्य नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं. और यदि कोई सवाल या सुझाव भी आपके मन में हो तो वो भी आप हमे बता सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी समस्या दूर कर पाएं.

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