नायिका के भाग क्यों सो गए?
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Explanation:
Hey bro first please show the story from which you pasted this question..
ये प्रश्न कवि ‘देव’ द्वारा रचित छंद से संबंधित है। ‘देव’ जिनका पूरा ‘देवदत्ता’ था, अठारवीं शताब्दी के एक रीतिकालीन कवि थे, उनकी रचनायें श्रंगार रस से ओतप्रोत रही हैं।
एक रात नायिका ने एक सपना देखा। उसने देखा कि बारिश का मौसम था, धीमी धीमी मंद मंद बूंदों वाली बारिश हो रही थी। आकाश में काली घटाएं उमड़ पड़ी थीं। उसी समय श्रीकृष्ण आ गए और उन्होंने नायिका को साथ-साथ झूला झूलने को कहा। यह सुनकर नायिका भाव-विभोर हो गई और जैसे ही नायिका श्री कृष्ण के साथ झूला झूलने के लिए चलने को तत्पर हुई, अचानक उसकी नींद टूट गई और नायिका का स्वप्न टूट गया। उसने देखा वहां ना तो घन (बादल) थे ना ही घनश्याम (श्रीकृष्ण) थे। यह देखकर नायिका को अपने भाग्य पर बड़ा धिक्कार हुआ। उसके जग जाने से उसका भाग्य हीन हो गया था। वो सपने में श्री कृष्ण के मिलन के सुख से वंचित रह गई थी। इसलिए कवि कहता कि नायिका के भाग्य सो गए थे।