न्यायालयीन पुनर्विलोकन स्पष्ट करा.
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प्रोफेसर कार्विन के अनुसार न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति न्यायालयों की वह शक्ति है जिसके माध्यम से वे विधायका द्वारा पारित विधियों, संविधियों एवं अधिनियम की संवैधानिकता का परीक्षण करते हैं न्यायालय द्वारा ऐसी किसी भी विधि के प्रवर्तन से इनकार किया जा सकता है जो संविधान के उपबंधों से असंगत है
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