nari ka marhatva essay
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Explanation: नारी जीवन का आधार है। नारी समाज को जीवन दान देने वाली देवी है ।नारी के बिना इस संसार कि कल्पना करना भी असंभव है। नारी के बिना दुनिया की हर चीज अपूर्ण है। नारी कोमल होते हुए भी कठोर है। नारी के अस्तित्व में कोमलता तथा कठोरता का एक अद्भुत ही समन्वय है। नारी के अनेक रूप हैं जैसे माता बेटी पत्नी देवी बहु आदि |
वह समाज किसी भी दशा में आगे नहीं बढ़ सकता जो नारी का उचित सम्मान नहीं कर सकता | हमारे समाज में नारी का महत्व आज कलयुग तो और भी ज्यादा है।
प्राचीन काल से ही हमारे भारतीय समाज में नारी का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यों में नारी पुरुष के समान सहभागी थी वे देवी तथा गृह लक्ष्मी के नाम से संबोधित की जाती हमारे भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही नारी को पुरुष के समान अधिकार प्राप्त हैं।
मध्यकालीन मैं नारी की दशा विपक्ष हो गई नारी पर बहुत अधिक अत्याचार होने लगे सती प्रथा जैसी दुविधाऔ का सामना करना पड़ा और नारी को चार दीवारी के अंदर कैद कर दिया मध्य काल में नारी पर बहुत अधिक अत्याचार हुआ है।
नारी के बारे में इतने विरोधी विचार व्यक्त किए गए हैं। कि जिन का अंकन करना भी दुश्वार है। नारी तो घर शोभा होती है। नारी ही तो है। जो घर के सदस्यों को एक कड़ी की तरह जोड़े रखती है। वह घर के हर एक सदस्य का ख्याल रखती है। वह कोमल प्रतिमा है। समय आने पर वह दुर्गा और काली का रूप धारण करण क्षेत्र में दुश्मन को चुनौती देने वाली है।
नारी के अंदर अपार धीरज है। तो क्रोध तथा अधीरता भी निहित है। नारी के अंदर सम्मान के साथ बलिदान की भावना है। और क्रोध आने पर वह जान लेने पर भी उतारू हो जाती है। वह मानव जीवन को नरक तथा स्वर्ग में परिवर्तन करने की की क्षमता रखती है।