Hindi, asked by PAWANAULAKH, 1 year ago

Nari Shiksha Ka Adhikar

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Answered by Manojsharma1
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नारी इस समाज का अहम हिस्सा हैं। इस समाज के निर्माण में नारी का विशेष स्थान रहा हैं । प्राचीन समय में नारी को पूजा जाता था उन्हें देवी का दर्ज़ा दिया जाता था। उसे पुरूषों के सामान ही माना गया हैं । हर काम में नारी पुरूषों के सामान ही भागीदार रही हैं, फिर भी आज के दौर में महिला की दशा दयनीय बनी हुई हैं। यह पुरूष प्रधान देश, देश की बेटी को दबाता हैं। नारी तो सिर्फ आदर का एक नाम ही रह गयी हैं ,पुरूषों ने नारी को दासी बनाकर रखा हैं यहां तक की उसे शिक्षा के अधिकार से भी वंचित कर दिया । जिसके कारण एक स्त्री का वजूद खोने लगा हैं। औरत को चार दीवारी के अंदर रहने के लिए मज़बूर कर दिया । इस जीवन रूपी रथ के नारी और पुरूष दो पहियों की तरह हैं। अगर एक पहिया भी कमज़ोर होता हैं तो यह जीवन रूपी रथ वहीं खड़ा रह जाएगा, इसलिए महिला का शिक्षित होना ज़रूरी हैं ताकि गाड़ी सही तरीक़े से चलती रहें। अगर नारी पढ़ी लिखी होगी तो वो समाज के कार्यो में योगदान दे सकती हैं । परन्तु बदलते वक़्त ने सब कुछ बदल दिया स्त्री को शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ा । स्त्री पढ़ेगी तो वो अपने पति के काम में अपना योगदान दे सकेगी, परिवार को सुचारू रूप से चला पाएगी। उसे दूसरों पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा और अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति भी सजग रहेगी । एक नारी अपने जीवन में 3 अहम भूमिका निभाती हैं । एक अच्छी बेटी, एक अच्छी पत्नी और एक अच्छी माँ और यह तीनों हिस्सें उसकी जीवन में अलग -अलग भूमिका निभाते हैं । और एक बेटी, पत्नी और एक मां उनके लिए कुछ करें इन सब की उम्मीद रखतें हैं । पर इन सब बातों के लिए ज़रूरी है एक नारी का शिक्षित होना कई बार पुरूष रात को क्लब जाते हैं नाईट पार्टी में जाते हैं समय बर्बाद करते हैं। अगर उनकी पत्नी शिक्षित होगी तो वो ऐसा नही करेंगे ब्लकि सारा समय अपनी वाइफ को देंगे और उनसे सब बातें शेयर भी करेंगे अगर स्त्री पर होने वाले अत्याचारों को रोकना हैं तो उसे शिक्षित करना पड़ेगा । जहां एक और आज नारी का एक वर्ग शिक्षा ग्रहण कर देश की बुंलदियों को छु रहा हैं, वहीं दूसरा वर्ग शिक्षा से कोसों दूर बैठा हैं । हर वर्ष हम महिला दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं लेकिन सच में हमारे देश में नारी को वो उच्च स्थान मिला हैं जो उसे मिलना चाहिए । देश का नारी वर्ग तभी खुश हो सकता हैं जब नारी का एक अशिक्षित भाग भी शिक्षित होगा और सही मायनों में उसी दिन ही महिला दिवस होगा, जिस दिन देश की हर नारी शिक्षित होगी । घर के चूल्हे चौकें से निकल कर अपनी एक अलग पहचान बनाएगी |
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