Narottam Das Kavi ka jeevan parichay dijiye
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नरोत्तम दास हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक है ।उनका जनम उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में हुआ ।उन्होंने एक या दो रचनाओं पर ही अपना स्थान हिंदी साहित्य में बना लिया ।उनका काव्य खंड 'सुदामा चरित 'हिंदी साहित्य का अमूल धरोहर माना जाता है ।इनका शरीरपात संवत् 1668 की कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को हुआ और इनका भस्म वृंदावन लाया गया, जहाँ इनके गुरु लोकनाथ गोस्वामी की समाधि के पास इनकी भी समाधि बनी। इनके तथा इनके शिष्यों के प्रयत्न से उत्तर बंग में गौड़ीय मत का विशेष प्रचार हुआ।
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हिंदी साहित्य में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कवि नरोत्तमदास जी का जन्म 1550 विक्रम के लगभग उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर में सिधौली के गाँव बाड़ी में हुआ था. ये ब्रज भाषा के कवि कहे जाते हैं. इनकी प्रमुख रचना ‘सुदामा चरित’ एकमात्र खंड – काव्य है. ये हिंदी साहित्य की अमूल्य रचना मानी जाती है. इनके जन्म के विषय में अनेक मत है. जार्ज ग्रियर्सन के अध्ययन के अनुसार महाकवि का जन्मकाल सम्वत् 1610 माना जाता है. ये कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे. इनके परिवार के विषय में कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं है क्योंकि इनका जीवन विवादस्पद रहा है.
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